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रविवार, 20 अप्रैल, 2025
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मप्र के अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक को घसीटे जाने के मामले में डॉक्टर को नोटिस, प्राथमिकी दर्ज

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छतरपुर, 20 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक सरकारी अस्पताल में दो लोगों द्वारा 70 वर्षीय बुजुर्ग को घसीटने का वीडियो वायरल होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है और साथ ही घटना में कथित रूप से शामिल डॉक्टर और एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी किए गए हैं।

यह घटना 17 अप्रैल की है जब नौगांव शहर के निवासी उद्धव सिंह जोशी (70) अपनी पत्नी की चिकित्सकीय जांच के लिए छतरपुर के जिला अस्पताल पहुंचे थे।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘समय से संबंधित पर्ची मिलने के बाद मैं काफी देर तक लाइन में खड़ा रहा। जब मेरी बारी आई तो डॉ. राजेश मिश्रा ने इसका विरोध किया और फिर मुझे थप्पड़ और लात मारी।’’

उनके आरोपों का खंडन करते हुए सिविल सर्जन जी एल अहिरवार ने कहा कि जगह पर क्षमता से अधिक भीड़ थी और डॉ. मिश्रा ने आपत्ति जताई क्योंकि जोशी ने कतार तोड़ दी थी।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग जोशी का हाथ पकड़कर उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जा रहे हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने मिश्रा को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा है जबकि नौगांव थाने में उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115 (2), 296, 3(5), 351(3) के तहत ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज की गई है।

दरअसल, ‘जीरो एफआईआर’ वो होती है जिसे अपराध होने पर किसी भी थाने में दर्ज करवाया जा सकता है।

अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी छतरपुर के कोतवाली पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दी गई है।

एक अन्य घटनाक्रम में जिलाधिकारी पार्थ जायसवाल ने डॉ. अहिरवार को घटना के बारे में रिपोर्ट सौंपने के उनके निर्देशों की अनदेखी करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया।

अधिकारी ने कहा, ‘डॉ. अहिरवार को 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने एसडीएम के तहत तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर जायसवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की।’

अधिकारी ने कहा, ‘जिलाधिकारी की सिफारिश के बाद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक सलोनी सिडाना ने डॉ राजेश मिश्रा को नोटिस दिया, जो हड्डी रोग के संविदा चिकित्सक हैं। उन्हें 24 घंटे में जवाब देना है।’

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी जायसवाल ने घटना के सिलसिले में राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के कर्मचारी राजेंद्र खरे को भी बर्खास्त करने की सिफारिश की है।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर यह वीडियो साझा करते हुए लिखा कि ये बेहद ‘अमानवीय और घटिया व्यवहार’ है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार खामोश है।

पार्टी ने दावा किया, ‘‘यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज न दिए जाने के मामले सामने आते रहे हैं। ये दिखाता है कि राज्य में ‘सेवा’ अब ‘यातना’ में तब्दील हो चुकी है।’’

भाषा ब्रजेन्द्र नोमान

नोमान

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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