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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशमोदी सरकार की IAS के पदों पर लैटरल एंट्री को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं, आए कुल 1200 आवेदन

मोदी सरकार की IAS के पदों पर लैटरल एंट्री को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं, आए कुल 1200 आवेदन

पिछली बार साल 2018 में जब यूपीएससी ने संयुक्त सचिव स्तर के 10 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था तो उस वक्त 6,077 लोगों ने आवेदन किया था.

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नई दिल्ली: निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों को सरकार में शामिल करने की मोदी सरकार की पहल को इस बार बहुत अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा निकाले गए 30 पदों के विज्ञापन के लिए लगभग 1200 लोगों ने ही आवेदन किया है.

इस साल फरवरी में सरकार ने मंत्रालयों, विभागों, पीएसयू और स्वायत्त निकायों के लिए संयुक्त सचिवों (जेएस) और निदेशकों के स्तर के पदों पर लैटरल एंट्री के लिए 30 पदों के लिए वैकेंसी निकाली थी. इनमें से तीन संयुक्त सचिव स्तर के पद हैं, बाकी 27 पद निदेशकों स्तर के हैं. इन पदों के लिए कैंडीडेट्स को 31 मार्च तक अप्लाई करना था.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक यूपीएससी को करीब 1,200 आवेदन मिले हैं. पिछली बार साल 2018 में जब संयुक्त सचिव स्तर के 10 पदों पर लैटरल एंट्री के लिए वैकेंसी निकाली गई थी तो उस वक्त यूपीएससी को कुल 6,077 आवेदन मिले थे. 2018 में दिप्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा इस संख्या को भी कम ही माना जा रहा था क्योंकि सरकार को इन वरिष्ठ पदों के लिए एक लाख से ज्यादा आवेदनों की उम्मीद थी.

नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने हालांकि कहा कि यह संख्या बहुत कम भी नहीं है क्योंकि इस बार ज्यादातर वैकेंसी निदेशक के पदों के लिए है.

उन्होंने कहा, ‘निदेशक के पदों को संयुक्त सचिव के पदों जितना प्रतिष्ठित नहीं माना जाता, शायद इसी कारण से आवेदनों की संख्या कम है. लेकिन इसका यह भी मतलब है कि कुछ ऐसे आवेदक भी हैं जो बहुत गंभीर नहीं हैं.’

हालांकि, यूपीएससी को शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेना है लेकिन सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि कोविड-19 मामलों में बढ़ोत्तरी के कारण इस दिशा में ज्यादा काम नहीं हो पाया है.

अधिकारी ने कहा, ’31 मार्च तक आवेदन आए. उसके बाद अप्रैल से कोविड-19 के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है, इसलिए इसमें थोड़ा समय लगेगा. यूपीएससी ने महामारी के कारण अन्य परीक्षाओं और इंटरव्यू पर भी रोक लगा दी है.’

प्रिंट ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के प्रवक्ता शम्भू चौधरी को इस मामले में टिप्पणी के लिए टेक्स्ट मैसेज भी भेजा, लेकिन इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने तक कोई जवाब नहीं मिला.

कुछ ही मंत्रालयों में हैं पद

संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर लैटरल एंट्री के लिए कुछ ही मंत्रालय जैसे- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, वाणिज्य-उद्योग और वित्त मंत्रालयों को ही खोला गया है.

निदेशक के पदों के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, आर्थिक मामलों के विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में वैकेंसी निकाली गई है.

निदेशक स्तर के पदों पर सरकार अधिकारियों की कमी की समस्या से जूझ रही है. पिछले साल इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए अधिकारियों को चुने जाने के तरीके में बदलाव किया था. सरकार ने अपनी पैनल नीति में बदलाव करते हुए कहा कि केवल एक अधिकारी जो दो साल तक निदेशक या उप सचिव के रूप में कार्य कर चुका है, संयुक्त सचिव बन सकता है.


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