भोपाल, 19 फरवरी (भाषा) अभिनेता नीतीश भारद्वाज की आईएएस अधिकारी पत्नी स्मिता भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि उनके पति ने उनपर बेटियों के ‘अपहरण’ जो आरोप लगाये हैं, वे ‘झूठे और दुर्भावनापूर्ण’ हैं।
वर्तमान में भोपाल में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पर तैनात स्मिता और उनके पति नीतीश भारद्वाज के बीच वैवाहिक विवाद है और मामला पारिवारिक अदालत में लंबित है।
टीवी धारावाहिक ‘महाभारत’ में ‘कृष्ण’ की भूमिका के लिए चर्चित अभिनेता नीतीश भारद्वाज ने बुधवार को भोपाल पुलिस आयुक्त को एक शिकायत सौंपी थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनसे अलग रह रही उनकी पत्नी ने उनकी दो बेटियों का ‘अपहरण’ कर लिया है और उन्हें उनसे मिलने नहीं दिया है।
स्मिता भारद्वाज ने सोमवार को एक बयान जारी कर नीतीश के आरोप को ‘झूठ और दुर्भावनापूर्ण’ बताया और दावा किया कि उनका उद्देश्य उनकी छवि खराब करना और बदनाम करना था।
उन्होंने नीतीश भारद्वाज द्वारा 11 फरवरी को पुलिस शिकायत में और 14 फरवरी को भोपाल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान किए गए दावे को पूरी तरह से आधारहीन और तथ्यों से परे बताया।
उन्होंने कहा, ‘उनका जो दावा है कि मैंने हमारी नाबालिग जुड़वां बेटियों का अपहरण कर लिया है और उन्हें उनसे मिलने नहीं दे रही हूं, वह पूरी तरह से निराधार है।’
भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा को सौंपी गई शिकायत में अभिनेता ने दावा किया था कि उनकी पत्नी ने उनकी बेटियों का ‘अपहरण’ कर लिया है और उन्हें उनकी बेटियों के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने ‘मानसिक प्रताड़ना’ का भी आरोप लगाया।
नीतीश भारद्वाज ने उनसे अलग रह रही पत्नी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी और कहा था कि उनका मामला (वैवाहिक विवाद का) एक पारिवारिक अदालत में लंबित है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि नीतीश भारद्वाज की शिकायत पर जांच शुरू की गई है।
स्मिता भारद्वाज ने दावा किया कि नीतीश भारद्वाज 17 फरवरी को और दो जनवरी को पुणे में बच्चों से मिले थे।
उन्होंने कहा कि नीतीश भारद्वाज 2022 से उनके आवास पर घरेलू फोन के माध्यम से बेटियों के साथ नियमित संपर्क में हैं, यह तथ्य पारिवारिक अदालत की फाइलों में दर्ज है।
उन्होंने कहा, ‘वास्तव में, नीतीश भारद्वाज ने खुद पारिवारिक अदालत के समक्ष दावा किया है कि उन्होंने मेरी बेटियों के साथ एक ही लैंडलाइन नंबर पर बातचीत की है। फोन नंबर से अनजान होने का उनका दावा झूठा और भ्रामक है।’
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा कि एक माँ के रूप में वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वह अपनी बेटियों की प्राथमिक देखभाल करती रही हैं, लेकिन नीतीश भारद्वाज की ‘देखभाल और भागीदारी की कमी के कारण लड़कियों को परेशानी और निराशा हुई है’।
उन्होंने दावा किया कि उनके पति ने कभी भी बच्चों के पालन-पोषण के खर्च में आर्थिक योगदान नहीं दिया, न तो स्कूल की फीस के लिए और न ही उनके विकास में सहायता करने वाली किसी गतिविधि में।
भाषा दिमो राजकुमार
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