नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने मध्यप्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को उन खबरों को लेकर नोटिस जारी किया है, जिनमें कहा गया है कि भोपाल में छह साल की एक बच्ची के लापता होने के 18 दिन बाद भी पुलिस उसे ढूंढ नहीं सकी है।
आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘बच्ची के लापता होने का यह सिर्फ एक मामला नहीं है, मध्यप्रदेश पुलिस के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य में 3,400 से अधिक महिलाएं और लड़कियां लापता हो चुकी हैं। सीसीटीवी नेटवर्क में कथित तौर पर खामियां हैं, पुलिस के त्वरित प्रतिक्रिया दल ने कोई कार्रवाई नहीं की है और विभिन्न इकाइयों के बीच कोई समन्वय नहीं है। ’’
मानवाधिकार आयोग ने कहा कि उसने मीडिया में आई उस खबर का स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया है कि भोपाल के कोह-ए-फिजा क्षेत्र में एक ‘अंडरब्रिज’ से बच्ची के लापता होने के 18 दिन बाद भी पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।
एनएचआरसी ने अपने बयान में कहा, ‘‘ ऐसा बताया जा रहा है कि लापता लड़की की मां को अपनी बेटी के लापता होने में उसके एक रिश्तेदार की संलिप्तता का संदेह है, लेकिन पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है और इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। लापता लड़की की मां के आठ बच्चे हैं और वह बेघर है।’’
आयोग ने कहा कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। इसलिए आयोग ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने कहा कि 25 अप्रैल को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य पुलिस द्वारा लापता लड़कियों को बचाने और उनके पुनर्वास के लिए पिछले वर्ष ‘ऑपरेशन मुस्कान’ नाम से शुरू किया गया अभियान कोई परिणाम नहीं दिखा सका है।
भाषा रवि कांत रवि कांत अविनाश
अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.