नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी खबरों और गलत जानकारियों के त्वरित प्रसार के खतरे के प्रति आगाह करते हुये इन पर निगरानी और नियंत्रण करने का तंत्र विकसित करने की जरूरत पर बल दिया है.
नायडू ने संसदीय कार्यवाही की कवरेज से जुड़ी संसदीय पत्रकारिता के क्षेत्र में दिये जाने वाले टीवीआर शेनॉय सम्मान समारोह में शुक्रवार को कहा, ‘यह सही है कि संसद सदस्यों को उनकी बात निर्वाचन क्षेत्र तक पहुंचाने में सोशल मीडिया अहम योगदान देता है. लेकिन सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और गलत जानकारियों के प्रसार का पर्याप्त खतरा मंडराता रहता है.’
उन्होंने कहा, ‘असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिये हमें निगरानी और नियंत्रण तंत्र विकसित करना होगा.’
नायडू ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा को संसदीय पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये टीवीआर शेनॉय पुरस्कार से सम्मानित किया.
उन्होंने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में संसदीय पत्रकारिता के महत्व को नकारा नहीं जा सकता. संसद में हर दिन कुछ महत्वपूर्ण विषयों, नीतियों पर बहस होती है. संसद में ही महत्वपूर्ण राजनैतिक विचार और दृष्टिकोणों पर बहस होती है. लोकतंत्र के महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में नागरिकों को अधिकार है कि वे संसद और अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के बारे में जानें, उनसे जवाबदेही सुनिश्चित करें.
नायडू ने इस दिशा में संसदीय कार्यवाही को कवर करने वाले पत्रकारों के दायित्व का जिक्र करते हुये कहा कि संसदीय पत्रकारों की ज़िम्मेदारी है कि वे जनता को संसद में उनके जनप्रतिनिधियों की सक्रियता की तथ्यपरक जानकारियां उपलब्ध कराएं जिसके आधार पर जनता अपना मन और मत निर्धारित कर सके.
उन्होंने मीडिया का आह्वान किया कि वह खबरों को अपने वैचारिक पूर्वाग्रहों से मुक्त रखे. उन्होंने कहा, ‘प्रेस ने अपनी आजादी के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी है, उसे इस आजादी का उपयोग विवेकशीलता से करना चाहिए.’