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Monday, 23 December, 2024
होमदेशनलिनी श्रीहरन ने जेल से बाहर आने के बाद कहा - 'गांधी परिवार से मिलने की कोई योजना नहीं'

नलिनी श्रीहरन ने जेल से बाहर आने के बाद कहा – ‘गांधी परिवार से मिलने की कोई योजना नहीं’

उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने जेल में उनसे मुलाकात की थी और उन्होंने उनसे राजीव गांधी की हत्या के बारे में पूछताछ की थी.

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नई दिल्ली: राजीव गांधी हत्याकांड के छह दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन ने रविवार को कहा कि जेल से रिहा होने के बाद उनकी गांधी परिवार से मिलने की कोई योजना नहीं है.

उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने जेल में उनसे मुलाकात की थी और उन्होंने उनसे राजीव गांधी की हत्या के बारे में पूछताछ की थी.

नलिनी ने आगे बताया कि जेल में उनसे मिलने पर प्रियंका गांधी भावुक हो गईं और रो पड़ीं थी.

नलिनी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘प्रियंका गांधी मुझसे जेल में मिलीं और उन्होंने मुझसे अपने पिता की हत्या के बारे में पूछा. वह अपने पिता के लिए भावुक हो गईं. वह भी रोने लगीं.’

साथ ही उन्होंने 32 साल की सजा के दौरान उसकी ‘मदद’ करने के लिए तमिलनाडु और केंद्र सरकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपने परिवार के साथ रहना चाहती है.

देश में सबसे लंबे समय तक आजीवन कारावास की सजा काटने वाली महिला कैदी श्रीहरन को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद शनिवार को वेल्लोर जेल से रिहा किया गया था, जिसमें आरपी रविचंद्रन सहित सभी छह दोषियों को भी राहत दी गई है. जेल से बाहर आने पर, उन्होंने तमिलनाडु के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने 32 वर्षों तक उनका समर्थन किया.

नलिनी ने मीडिया से बात करते हुए अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया कि उनके परिवार के सभी सदस्य लंबे समय से उनका इंतजार कर रहे हैं और वह अब उनके साथ रहना चाहती हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहती हूं. मेरे परिवार के सभी सदस्य इतने लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. मैं राज्य और केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूं. उन्होंने इस दौरान हमारी बहुत मदद की.’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी रिहाई के बाद गांधी परिवार से किसी से मिलेंगी, नलिनी ने कहा कि वह ऐसा करने की योजना नहीं बना रही हैं, साथ ही यह भी कहा कि वह ‘मेरे पति जहां भी जाएंगे’ वो उनके साथ ही जाएंगी.

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे पति जहां भी जाएंगे मैं वहां जाऊंगी. हम 32 साल तक अलग रहे. हमारा परिवार हमारा इंतजार करता रहा… मैं गांधी परिवार से किसी से मिलने की योजना नहीं बना रहा हूं. मेरे मिलने की कोई संभावना नहीं है. मुझे पैरोल देने के लिए मैं राज्य सरकार को धन्यवाद देती हूं.’

उन्होंने जेल में दोषियों के अच्छे आचरण को ध्यान में रखते हुए जस्टिस बीआर गवई और बीवी नागरत्ना की दो-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पारित आदेश पर टिप्पणी की और कहा कि जजों ने उनके मामलों का अध्ययन किया है और उन्हें पता है कि ‘क्या गलत है और क्या सही हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे न्यायाधीश सब कुछ जानते हैं. उन्होंने हमारे मामले का अध्ययन किया है. वे जानते हैं कि क्या गलत है और क्या सही है और वे क्या कर सकते हैं.’

नलिनी के अलावा मामले के अन्य दोषियों में रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार, एस राजा और श्रीहरन हैं.

पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के छह दोषियों में से एक रविचंद्रन को मदुरै केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया.

18 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारीवलन को रिहा करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया था, जो हत्या के मामले में सात दोषियों में से एक थे.

नलिनी और रविचंद्रन ने साथी दोषी एजी पेरारीवलन की रिहाई की तरह जेल से बाहर आने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.


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