scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमदेश'राजीव की यादें वापस आ गईं': राहुल वहां पहुंचे और पूरा गांव उनके पिता की यादों में खो गया

‘राजीव की यादें वापस आ गईं’: राहुल वहां पहुंचे और पूरा गांव उनके पिता की यादों में खो गया

नरसी गांव के लोगों के जहन में 31 साल पहले पीएम राजीव गांधी के दौरे को यादें फिर से ताजा हो आईं. वह 1991 के लोकसभा चुनाव अभियान के चलते वहां एक जनसभा को संबोधित करने आए थे और अगले दिन उनकी मौत हो गई थी.

Text Size:

नांदेड़: जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अपने सफर में महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के नरसी गांव पहुंचे, तो गांव के रहने वाले 59 साल के गंगाधर पाटिल भिलावड़े अपनी दशकों पुरानी यादों को ताजा करने से रोक नहीं पाए. 20 मई, 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और राहुल के पिता एक जनसभा में भाग लेने के लिए वहां पहुंचे थे.

और अगले दिन तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी.

राहुल गांधी बुधवार को राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के सूखा प्रभावित नांदेड़ जिले के नरसी गांव पहुंचे थे.

भावुक भीलावड़े ने दिप्रिंट को बताया, ‘राहुल गांधी को देखकर मेरी राजीव गांधी से हुई मुलाकात की यादें ताजा हो गईं. राहुल आज 30 साल बाद उसी गांव में आए हैं, जहां उनके पिता आए थे. उनके परिवार ने देश के लिए बलिदान दिया है. मैं उन्हें देखकर खुश हूं.’

कांग्रेस ने इस साल 7 सितंबर को तमिलनाडु से कन्याकुमारी तक की अपनी 3,500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी. यात्रा के दौरान लगभग पांच महीनों में 12 राज्यों को कवर करने की योजना है. पार्टी अपनी यात्रा में इस सप्ताह महाराष्ट्र में पहुंच गई, जहां वह 15 विधानसभा और छह संसदीय क्षेत्रों का दौरा करेगी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

1991 में राजीव गांधी की रैली

पूर्व पीएम चार लोकसभा क्षेत्रों – हिंगोली, नांदेड़, परभणी और लातूर – के लिए पार्टी के आम चुनाव अभियान के हिस्से के रूप में गांव में थे. नरसी गांव के लोगों को आज भी वो दिन याद है.

1991 के आम चुनावों की जरूरत तब पड़ी, जब वीपी सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय मोर्चा गठबंधन सरकार, भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद गिर गई. भाजपा ने यह कदम एल.के. आडवाणी की रथ यात्रा को रोके जाने के बाद उठाया था, जो अयोध्या या राम जन्मभूमि अभियान का हिस्सा थी.

उनसे हुई उस मुलाकात को याद करते हुए भिलावड़े ने कहा कि पूर्व पीएम दोपहर 12.30 बजे पहुंचने वाले थे, लेकिन वह दो घंटे देर से पहुंचे. उनका हेलीकॉप्टर मंच के ठीक पीछे उतरा था और जैसे ही वह हेलीकॉप्टर से उतरे, उन्होंने देर से आने के लिए माफी मांगी.

भिलावड़े बताया, ‘राजीव गांधी ने हमारे गांव में जिस सभा को संबोधित किया था, वह लोगों से खचाखच भरी हुई थी. 1991 में कांग्रेस के लिए माहौल अलग था.’ गौरतलब है कि नांदेड़ कांग्रेस का गढ़ रहा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. उस समय वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल थे.

पहले चरण का मतदान 20 मई, 1991 को हुआ था, लेकिन बाद में होने वाले मतदान को राजीव गांधी की हत्या के कारण स्थगित कर दिया गया. इन चुनावों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था, लेकिन कांग्रेस बाद के दो चरणों में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रही और 487 सीटों में से 232 पर जीत हासिल की. इसके बाद पी.वी. नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने थे.

राहुल गांधी हुए ‘इमोशनल’

भिलावड़े कहते हैं, ‘जब हमें पिछले महीने पता चला कि राहुल गांधी हमारे गांव से होकर गुजरेंगे, तो हमने उनके पिता की तस्वीर रखने का फैसला किया और स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ इस विचार पर चर्चा की., हमने एक तस्वीर की व्यवस्था की और उसे उसी चौक में रख दिया, जहां पूर्व पीएम ने जनसभा को संबोधित किया था.’

हालांकि राहुल गांधी ने गांव में किसी रैली को संबोधित नहीं किया, लेकिन वे अपने पिता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए गांव में कुछ देर रुके थे.

यात्रा के महाराष्ट्र-चरण में भाग ले रहे कांग्रेस सदस्य राजीव गांधीगुडे (60) ने कहा कि राहुल गांधी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए नरसी में रुके और फिर अपनी यात्रा पर आगे बढ़ गए. ‘मैं उनके (राहुल गांधी) बेहद करीब खड़ा था… अपने पिता की तस्वीर देखकर वह भावुक हो गए.’

एक अन्य ग्रामीण सैय्यद इसहाक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह (राहुल गांधी) राजीव गांधी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं. वह अपनी पदयात्रा में लोगों से भी मिल रहे हैं.’

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(अनुवादः संघप्रिया)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ेंः


 

share & View comments