कोहिमा, 22 सितंबर (भाषा) नगालैंड सरकार ने राज्य की दशकों पुरानी आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए सोमवार को एक आयोग का गठन किया। एक अधिसूचना से यह जानकारी मिली।
पूर्वोत्तर राज्य की पांच प्रमुख जनजातियों के एक संघ द्वारा सरकार को इस मुद्दे के समाधान के लिए 10 दिन की समयसीमा दिए जाने के दो दिन बाद इस आयोग का गठन किया गया।
प्रदर्शनकारियों का तर्क था कि 1977 से लागू यह नीति अब राज्य के विभिन्न समुदायों की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती।
अधिसूचना में कहा गया है कि सेवानिवृत्त नौकरशाह आर रामकृष्णन की अध्यक्षता वाला आयोग सरकारी क्षेत्र में नौकरी संबंधी आरक्षण नीति की समीक्षा करेगा और विभिन्न जनजातियों के समान प्रतिनिधित्व के लिए एक रूपरेखा की सिफारिश करेगा।
भाषा शफीक पारुल
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