नर्मदापुरम (मप्र), 22 अगस्त (भाषा) मध्य प्रदेश के 26 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हिंदू संत प्रेमानंद महाराज को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बताते हुए उन्हें अपनी एक किडनी दान करने की पेशकश की है।
आरिफ खान चिश्ती नाम के इस व्यक्ति ने किडनी की बीमारी से पीड़ित प्रसिद्ध धार्मिक और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज को एक पत्र लिखकर अपनी किडनी उन्हें दान करने की इच्छा व्यक्त की है।
मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के इटारसी कस्बे की न्यास कॉलोनी के रहने वाले चिश्ती ने कलेक्टर सोनिया मीणा के माध्यम से हिंदू संत को यह पत्र भेजा है।
चिश्ती ने अपने पत्र में प्रेमानंद महाराज की प्रशंसा की है और उन्हें भारत में हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बताया है।
इस पत्र में कहा गया है, ‘‘देश के मौजूदा नफरत भरे माहौल में आप जैसे संतों की मौजूदगी जरूरी है।’’
चिश्ती ने पत्र में लिखा, ‘‘मैं जीवित रहूं या न रहूं, आपका जीवन इस दुनिया के लिए बहुत अनमोल है। मैं स्वेच्छा से अपनी एक किडनी आपको अर्पित करना चाहता हूं। कृपया मेरी यह छोटी सी भेंट स्वीकार करें।’’
चिश्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, ‘‘प्रेमानंद महाराज के शब्द नफरत के खिलाफ ‘एंटीबायोटिक’ की तरह काम करते हैं। वह समाज को एक सूत्र में बांध रहे हैं और प्रेम का संदेश दे रहे हैं, जिसकी इस समय हम सभी को सख्त जरूरत है। मैं उनके ऑनलाइन प्रसारित भाषणों से प्रभावित हूं।’’
चिश्ती की पिछले साल शादी हुई थी और उनके परिवार में तीन बड़े भाई और पिता हैं। उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और अब ‘ऑनलाइन सलाहकार’ के रूप में काम करते हैं।
कुछ खबरों के अनुसार, प्रेमानंद महाराज किडनी रोग से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनकी दोनों किडनी काम करना बंद कर चुकी हैं।
प्रेमानंद महाराज का उत्तर प्रदेश के वृंदावन में एक आश्रम है। प्रेमानंद महाराज के आध्यात्मिक प्रवचन उनके अनुयायियों और भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।
चिश्ती द्वारा कलेक्टर को दिए गए पत्र की एक प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
इस संबंध में कलेक्टर मीणा से फोन पर संपर्क नहीं हो सका है।
भाषा सं दिमो शफीक
शफीक
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