(तस्वीरों सहित)
मुंबई, 15 सितंबर (भाषा) मुंबई में सोमवार सुबह ‘‘तकनीकी खराबी’’ के कारण एक मोनोरेल बीच रास्ते में ही रुक गई, जिसके बाद उसमें सवार सभी 17 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब मोनोरेल में इस तरह की खराबी आई है।
उन्होंने बताया कि यह घटना सुबह सात बजकर 16 मिनट पर वडाला में एंटॉप हिल बस डिपो और जीटीबीएन मोनोरेल स्टेशन के बीच हुई।
मोनोरेल का संचालन करने वाली ‘महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (एमएमएमओसीएल) के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आज एक मोनोरेल में तकनीकी खराबी आ गई। सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार, उसमें सवार सभी 17 यात्रियों को तुरंत और सुरक्षित रूप से दूसरी ट्रेन में स्थानांतरित कर दिया गया और सुबह सात बजकर 40 मिनट तक उन्हें अगले स्टेशन पर पहुंचा दिया गया।’’
एमएमएमओसीएल ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रभावित ट्रेन को ट्रैक से हटा दिया गया है। संत गाडगे महाराज चौक और वडाला के बीच सिंगल लाइन पर संचालन किया गया, जिससे सेवाओं में देरी हुई, जबकि वडाला से चेंबूर के बीच सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहीं।’’
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर भेजी गईं, लेकिन उनकी आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि समानांतर ट्रैक पर एक और मोनोरेल के पहुंचने के बाद यात्रियों को निकाल लिया गया।
इससे पहले 19 अगस्त को भारी बारिश के बीच मैसूर कॉलोनी स्टेशन के पास एक मोनोरेल में 582 यात्री कई घंटे तक फंसे रहे थे, जिन्हें बाद में दमकल विभाग ने निकाला।
इसके अलावा, एक और मोनोरेल ट्रेन आचार्य अत्रे नगर स्टेशन पर फंस गई थी, जहां से 200 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
मुंबई दमकल विभाग और अन्य एजेंसियों सहित बचाव दलों को, बारिश के कारण आई कठिनाइयों के बीच सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालने में कई घंटे लग गए थे।
इन घटनाओं के बाद, मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने यात्रियों की सुरक्षा और संचालन में सुधार के लिए तत्काल और दीर्घकालिक उपायों की घोषणा की थी, जिनमें भीड़भाड़ वाली ट्रेनों से यात्रियों को निकालने की प्रक्रिया भी शामिल की गई थी।
मुंबई में भारत की एकमात्र मोनोरेल प्रणाली है, जो 19.74 किलोमीटर लंबे मार्ग पर संत गाडगे महाराज चौक से चेंबूर तक संचालित होती है।
भाषा
खारी अविनाश
अविनाश
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