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Saturday, 4 May, 2024
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MP के डॉक्टर को पद्म श्री से नवाजा गया, लोगों के इलाज के लेते हैं महज 20 रुपये फीस

पद्म श्री से सम्मानित होने पर, डॉ डावर ने कहा, 'कभी न कभी कड़ी मेहनत फायदा मिलता है, भले ही इसमें देरी हो. यह उसी का परिणाम है और यह लोगों का आशीर्वाद है कि मुझे यह पुरस्कार मिला है.'

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जबलपुर (मध्य प्रदेश) : मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक 77 वर्षीय डॉक्टर, डॉ एमसी डावर को भारत सरकार द्वारा चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पदम श्री से सम्मानित किया गया है.

74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर बुधवार शाम पद्मश्री पाने वालों की सूची जारी की गई. डावर का जन्म 16 जनवरी, 1946 को पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था और विभाजन के बाद वे भारत आ गए थे. 1967 में, उन्होंने जबलपुर से एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) पूरा किया.

उन्होंने 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान लगभग एक साल तक भारतीय सेना में भी काम किया है. उसके बाद वे 1972 से जबलपुर में बहुत मामूली शुल्क पर लोगों को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने 2 रुपये में लोगों का इलाज करना शुरू किया और वर्तमान में वह अपनी फीस के रूप में सिर्फ 20 रुपये लेते हैं.

पद्म श्री से सम्मानित होने पर डॉ डावर ने कहा, ‘कभी न कभी कड़ी मेहनत फायदा मिलता है, भले ही इसमें देरी हो. यह उसी का परिणाम है और यह लोगों का आशीर्वाद है कि मुझे यह पुरस्कार मिला है.’

अपने जीवन के अनुभवों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘इतनी कम फीस लेने को लेकर सदन में चर्चा जरूर हुई थी, लेकिन इस पर कोई विवाद नहीं था. हमारा मकसद सिर्फ लोगों की सेवा करना था, इसलिए फीस नहीं बढ़ाई गई.’ सफलता का मूल मंत्र है कि धैर्य से काम लिया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है और सफलता का सम्मान भी होता है.

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डावर के बेटे ऋषि ने कहा, ‘हम सोचते थे कि पुरस्कार केवल राजनीतिक पहुंच के कारण दिए जाते हैं, लेकिन जिस तरह से सरकार जमीन पर काम करने वाले लोगों को ढूंढ़ रही है और उन्हें सम्मानित कर रही है, यह बहुत अच्छी बात है और हमारे पिता को यह पुरस्कार मिला है.’

डावर की बहू सुचिता ने कहा, ‘यह हमारे लिए, हमारे परिवार के लिए और हमारे शहर के लिए बहुत गर्व की बात है.’


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