नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि जब भी भाजपा सरकार विकास के काम करती है और गरीबों की सेवा में जुटती है, तो कांग्रेस नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयराम रमेश द्वारा केन-बेतवा परियोजना पर जताई गई आपत्ति के पीछे कांग्रेस और राहुल गांधी का एजेंडा है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सोच ही विकास विरोधी है. जहां भाजपा जनता के संकल्पों के बल पर विकास कार्य कर रही है, वहीं कांग्रेस हमेशा विरोध की राजनीति करती है.”
उधर, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर खजुराहो में केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला रखी. यह परियोजना देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय नदी जोड़ो परियोजना है. स्थानीय मेला ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल मौजूद रहे. इस मौके पर पीएम मोदी ने केन और बेतवा नदियों का जल संगम कराकर परियोजना का शुभारंभ किया. इसके अलावा, उन्होंने देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन भी किया. प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की स्मृति में एक डाक टिकट और 100 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी किया.
सुशासन और सेवा का पर्व
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत बुंदेली भाषा में अभिवादन से की. उन्होंने भाजपा सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की जयंती सुशासन और सुसेवा का पर्व है. प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई है. अटल ग्राम सेवा सदन गांवों के विकास को नई गति देंगे. सुशासन दिवस हमारे लिए एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि भाजपा सरकारों की पहचान है.”
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारें सिर्फ घोषणाएं करती थीं, लेकिन उनका लाभ कभी जनता तक नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जनधन खाते खुलवाकर हर योजना का लाभ गरीबों तक पहुंचाया. उन्होंने कहा, “सुशासन का अर्थ है कि लोगों को अपने अधिकारों के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े.”
कांग्रेस पर तीखा हमला
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी का सुशासन से 36 का नाता है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सरकारों ने बुंदेलखंड की समस्याओं को कभी गंभीरता से नहीं लिया। दशकों तक यहां के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते रहे. कांग्रेस ने जल संकट के स्थायी समाधान के बारे में कभी नहीं सोचा और सच्चे सेवकों को भी भुला दिया.”
प्रधानमंत्री ने बाबा साहब आंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि जलशक्ति के लिए उनका योगदान सराहनीय था. “बाबा साहब ने घाटी परियोजनाओं और केंद्रीय जल आयोग की नींव रखी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें कभी श्रेय नहीं दिया.”
जल संरक्षण की चुनौती
प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण को 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि पानी के बिना न खेती संभव है, न उद्योग। उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश से निकली मां नर्मदा ने गुजरात का भाग्य बदल दिया. बुंदेलखंड के लोगों से मैंने उनकी समस्याएं कम करने का वादा किया था और इस दिशा में ईमानदारी से काम कर रहा हूं.” उन्होंने बताया कि हर घर नल जल योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में 12 करोड़ नए परिवारों तक पानी पहुंचाया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में राज्य ने जल प्रबंधन और सूखा राहत के क्षेत्र में शानदार काम किया है. उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश अब दुनिया के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक बन गया है. आने वाले समय में बुंदेलखंड, विकसित भारत और विकसित मध्यप्रदेश बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा.”
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को आधुनिक भारत का भागीरथ बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में बुंदेलखंड को दशकों पुरानी समस्याओं से राहत मिल रही है. उन्होंने कहा, “कई दशकों तक यह क्षेत्र सूखे की समस्या से जूझता रहा. लेकिन केन-बेतवा परियोजना जैसी योजनाओं से अब बुंदेलखंडवासियों की पेयजल और सिंचाई की समस्याएं दूर होंगी.” मुख्यमंत्री ने जनकल्याण पर्व के तहत किए गए प्रयासों और भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी.
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को भगवान राम की बाल्यावस्था की टेराकोटा प्रतिमा और खजुराहो मंदिर की प्रतिकृति भेंट की. इसके साथ ही पीएम मोदी ने केन-बेतवा परियोजना से जुड़ी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.
यह आयोजन बुंदेलखंड और मध्यप्रदेश के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना.
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