scorecardresearch
Friday, 18 October, 2024
होमदेशकन्फर्म न हो पाने से हर महीने आठ लाख से ज्यादा ऑनलाइन टिकट रद्द

कन्फर्म न हो पाने से हर महीने आठ लाख से ज्यादा ऑनलाइन टिकट रद्द

हर महीने औसतन आठ लाख से ज्यादा ऑनलाइन टिकट कन्फर्म नहीं हो पाने से रद्द हो रहे हैं जिससे यात्रियों को जाहिर तौर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Text Size:

इंदौर (मध्यप्रदेश): देश में रेलगाड़ियों पर यात्रियों के भारी बोझ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती आठ महीनों में चार्ट बनते समय कन्फर्म न हो पाने के कारण करीब 65.69 लाख ऑनलाइन टिकट अपने आप रद्द हो गये. यानी हर महीने औसतन आठ लाख से ज्यादा ऑनलाइन टिकट कन्फर्म नहीं हो पाने से रद्द हो रहे हैं जिससे यात्रियों को जाहिर तौर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को बताया कि भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने उन्हें सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी दी है. गौड़ को आठ जनवरी को भेजी गयी जानकारी के मुताबिक जारी वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर 2019 तक ऑनलाइन बुक कराये गये 65,68,852 टिकट चार्ट बनते समय कन्फर्म न हो पाने से आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अपने आप रद्द हो गये.

आरटीआई के तहत दिये गये जवाब में बताया गया, ‘ऑनलाइन बुक हुआ रेल टिकट चार्ट बनते समय कन्फर्म न हो पाने के कारण स्वत: रद्द हो जाता है. रेलवे द्वारा रद्दीकरण शुल्क काटकर शेष राशि आईआरसीटीसी को दी जाती है एवं आईआरसीटीसी यह राशि उपभोक्ता को जस की तस वापस दे देती है.’ गौड़ ने कन्फर्म नहीं हो पाने के कारण प्रतीक्षा सूची में ही रह गये यात्री टिकटों को रद्द करने के बदले रेलवे के वसूले गये शुल्क का ब्योरा भी मांगा था. लेकिन यह जानकारी फिलहाल उन्हें नहीं मिल पायी है.

आईआरसीटीसी ने इस बारे में उनके सवाल पर जवाब दिया, ‘चूंकि टिकट रद्दीकरण शुल्क आईआरसीटीसी द्वारा एकत्र नहीं किया जाता है. इसलिये इसकी जानकारी के लिये आपके आवेदन को रेलवे को भेज दिया गया है.’ बहरहाल, देश में रेल टिकटों के लिये मारामारी का किस्सा नया नहीं है और खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल यात्री गाड़ियों पर भारी बोझ की बात हाल ही में कबूल चुके हैं.

गोयल ने इंदौर में 12 जनवरी को मीडिया से कहा था कि गुजरे सालों के दौरान पर्याप्त निवेश नहीं होने से रेलवे के सरकारी तंत्र को बड़ा भार सहन करना पड़ रहा है और ‘कुछ यात्री गाड़ियों में तो टिकटों की मांग 150 प्रतिशत से भी ज्यादा है.’ व्यस्त मार्गों पर यात्री गाड़ियों की कमी दूर करने के प्रयासों के तहत रेलवे ने आईआरसीटीसी के जरिये प्रीमियम श्रेणी की तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन की पिछले साल से शुरुआत की थी. लखनऊ और दिल्ली के बीच ऐसी पहली ट्रेन को अक्टूबर 2019 में हरी झंडी दिखायी गयी थी.

इस श्रेणी की दूसरी तेजस ट्रेन अहमदाबाद-मुंबई तेजस एक्सप्रेस का वाणिज्यिक परिचालन रविवार से ही शुरू हुआ है. रेलवे ने देशभर में ऐसी 150 प्रीमियम ट्रेनों के संचालन का प्रस्ताव दिया है.

share & View comments