अमरावती, 11 सितंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि काठमांडू हवाई अड्डे पर 150 से अधिक तेलुगु लोगों को विमान में सवार होने की मंजूरी मिल गई है जबकि सिमीकोट से 12 लोगों का एक समूह नेपालगंज के रास्ते सुरक्षित रूप से भारत में प्रवेश कर चुका है।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार अस्थिर परिस्थितियों का सामना कर रहे नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे तेलुगु लोगों को वापस लाने के लिए वास्तविक समय पर निकासी प्रयासों का समन्वय कर रही है।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘सिमीकोट से आए यात्री नेपालगंज पहुंचे और सुरक्षित रूप से भारत वापस आ गए। काठमांडू में 154 बोर्डिंग पास जारी किए गए हैं, जिनमें पोखरा से लाए गए 10 यात्री भी शामिल हैं।’’
सरकार ने बताया कि आंध्र प्रदेश सरकार ने पोखरा से काठमांडू तक 10 तेलुगु यात्रियों को वापस लाने के लिए एक चार्टर विमान की व्यवस्था की थी। बाद में ये यात्री त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अन्य लोगों के समूह के साथ मिल गए, जहां राज्य की ओर से एक विशेष विमान तैनात किया गया था।
विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली से रवाना हुआ एक वाणिज्यिक विमान पहले ही काठमांडू पहुंच चुका है ताकि नेपाल में फंसे हुए नागरिकों की यात्रा विशाखापट्टनम और विजयवाड़ा तक सुगम तरीके से हो सके।
इससे पहले, कुल 22 तेलुगु लोग बस से बिहार की सीमा पार कर मोतिहारी पहुंचे और उन्हें आंध्र प्रदेश लाने की व्यवस्था की जा रही है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा कि विदेश मंत्रालय और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से नेपाल में फंसे सभी तेलुगु लोगों की सुरक्षा और सुगम निकासी सुनिश्चित की जा रही है।
एचआरडी मंत्री नारा लोकेश ने स्थानीय विधायकों और जनप्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि वे विशाखापट्टनम और तिरुपति सहित आंध्र प्रदेश के हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले लोगों का गर्मजोशी से स्वागत करें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लोगों की उनके गृह नगरों तक सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं।
मंत्री ने कहा कि आज शाम तक नेपाल से आंध्र प्रदेश के सभी नागरिकों को हवाई मार्ग से राज्य लाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘समन्वित बचाव अभियान ने सिमीकोट, पोखरा और काठमांडू से सुरक्षित स्थानांतरण सुनिश्चित किया है, जिसमें विशेष उड़ानों और वाहनों की व्यवस्था कर नेपाल में फंसे लोगों की देश वापसी कराई जा रही है।’’
भाषा राखी नरेश
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