कोलकाता, 22 सितंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अयोध्या मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा राम नवमी से तीन महीने पहले कर दी थी।
अभिषेक की यह टिप्पणी दुर्गा पूजा पंडालों को ‘देवी पक्ष’ से पहले खोलने के लिए पश्चिम बंगाल भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना किए जाने के बीच आई है।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक ने अपने डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र में संवाददाताओं से बात करते हुए मोदी सरकार पर ‘दोहरी बात कहने की कला में निपुण होने, नोटबंदी की अचानक घोषणा के लिए कोई जवाबदेही नहीं लेने, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई थी तथा संघीय व्यवस्था की भावना के विरुद्ध राज्य का बकाया नहीं देने’’ का आरोप लगाया।
पंडालों को ‘देवी पक्ष’ से पहले खोलने को लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर, अभिषेक ने कहा, ‘ठीक है, उन्होंने देवी पक्ष की शुरुआत से एक दिन पहले पंडाल खोल दिए और मूर्तियों के पट नहीं खोले।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘प्रधानमंत्री द्वारा राम नवमी से तीन महीने पहले जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के बारे में क्या कहना है? क्या किसी भाजपा नेता ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए उठाए गए उस कदम पर टिप्पणी की है?’
भाजपा पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए अभिषेक ने सवाल किया कि पश्चिम बंगाल को कितना पैसा दिया गया और राज्य से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से कितना लिया गया।
भाजपा पर मनरेगा जैसी परियोजनाओं के लिए पश्चिम बंगाल को मिलने वाली धनराशि रोकने का आरोप लगाते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर ‘इस मुद्दे पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान नहीं करने’ का आरोप लगाया।
अभिषेक ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीबों की बात करते हैं, तो उन्हें यह बताना चाहिए कि 69 लाख जॉब कार्ड धारकों को अभी तक केंद्र से पैसा क्यों नहीं मिला है… राज्य ने उनकी मदद के लिए अपने सीमित कोष से संसाधन जुटाए।’’
भाषा
अमित पारुल
पारुल
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