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Sunday, 22 December, 2024
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मोदी सरकार अब एजीआर से बकाए की मांग में से 96% वापस लेगी, सुप्रीम कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों से मांगा वित्तीय लेखा-जोखा

एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को पूरी तरह अनुचित करार दिया था और विभाग को इसे वापस लेने पर विचार करने को कहा था.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब मोदी सरकार एजीआर से 4 लाख करोड़ के बकाए की राशि की मांग से कदम पीछे खींचने का फैसला किया है. दूर संचार विभाग अब कुल मांग में से 96 फीसदी ही वापस लेगा. गुरुवार को केंद्र ने सर्वोच्च अदालत को यह जानकारी दी है. वहीं कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को अपना वित्तीय विवरण और बैलेंस शीट पेश करने को कहा है और जुलाई के तीसरे सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई सूचीबद्ध किया है.

केंद्र सरकार का पक्ष रखने पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि दूरसंचार कंपनियों का पेमेंड मोड को लेकर जो सुझाव है सरकार को उसे देखने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए.

एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को पूरी तरह अनुचित करार दिया था और विभाग को इसे वापस लेने पर विचार करने को कहा था.

केन्द्र ने न्यायालय से कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों से एजीआर से संबंधित बकाया राशि के रूप में की गयी करीब 4 लाख करोड़ रुपए की मांग में से 96 प्रतिशत वापस ले रहा है.

दूरसंचार विभाग ने न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर सार्वजनिक उपक्रमों से पहले एजीआर से संबंधित बकाये के रूप में चार लाख करोड़ रुपए की मांग करने की वजह बताई.

दूरसंचार विभाग ने एजीआर से संबंधित बकाया राशि के भुगतान के बारे में निजी संचार कंपनियों के जवाब पर प्रतिक्रिया देने के लिये न्यायालय से समय मांगा.

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