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Friday, 29 March, 2024
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मोदी सरकार के प्रवासी मज़दूरों तक पहुंचने के लिए नए प्रयास श्रमिक सेतु पोर्टल और एप है

इस पोर्टल से, जिसका एक एप वर्ज़न भी होगा, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की डिटेल्स जान पाएंगे, और उनका फायदा उठाने के लिए, ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है, कि प्रवासी मज़दूरों तक पहुंचने के लिए मोदी सरकार, एक ऑनलाइन पोर्टल -श्रमित सेतु- शुरू करने की याजना बना रही है, जिसका एक एप वर्जन भी होगा.

पोर्टल से श्रमिकों को न केवल केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही, विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी मिलेगी, बल्कि ऑनलाइन आवेदन देकर वो उनके फायदों से लाभान्वित भी हो पाएंगे.

केंद्रीय श्रम व रोज़गार मंत्रालय की इस पहल में, उम्मीद है कि सरकार अगले महीने श्रमिक सेतु एप लॉन्च कर सकती है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को, प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले ही मंज़ूरी मिल चुकी है.

श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को, अपने आधार या बैंक अकाउंट नम्बर इस्तेमाल करते हुए, पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा. उन्हें अपने नाम, उम्र, पैतृक स्थान, और काम आदि का ब्यौरा भी देना होगा, और ये भी बताना होगा कि वो कहां काम करते हैं.

नाम न बताने की शर्त पर उस अधिकारी ने बताया, ‘बुनियादी तौर पर ये स्वयं का पंजीकरण होगा. श्रमिक सेतु में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और प्रवासी मज़दूरों का पूरा डेटा होगा’. उन्होंने आगे कहा, ‘एक बार पंजीकरण कर लेने के बाद, वो देख सकेंगे कि राज्यों की ओर से, क्या कल्याण योजनाएं चलाई जा रही हैं, और वो उनसे कैसे लाभान्वित हो सकते हैं’.

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ये पहल उन बहुत से उपायों में से एक हैं, जो मोदी सरकार ने 25 मार्च के बाद से किए हैं, जब देशव्यापी लॉकडाउन से लाखों प्रवासियों का काम छिन गया था. शुरू में उनकी मुसीबतों की अनदेखी करने के आरोप में भारी आलोचना सहने के बाद, सरकार न, बहुत सी कल्याणकारी योजनाओं का ऐलान किया था, जिनमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन और काम, और हाल ही में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार योजना शामिल हैं.


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श्रमिक सेतु योजना

ऊपर हवाला दिए गए अधिकारी ने कहा, कि श्रमिक सेतु योजना के तहत, असंगठित सेक्टर के श्रमिक भी ऑनलाइन आवेदन करके, सरकार की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, और पीएम श्रम योगी मान-धन योजना जैसी बीमा और पेंशन स्कीमों का फायदा उठा सकते हैं. प्रवासी श्रमिक अगर दूसरे शहर या प्रदेश चले जाते हैं, तो वो अपने स्टेटस को अपडेट भी कर पाएंगे.

मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने कहा, कि श्रमिक या तो एप को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं, या फिर पंचायत स्तर पर स्थापित, कॉमन सर्विस सेंटर्स/ ई-सुविधा केंद्रों पर जाकर रजिस्टर करा सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि,“जो लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं, उनकी सहायता के लिए कॉमन सर्विस सेंटर्स में स्टाफ होता है”.

अधिकारी ने आगे कहा, ‘श्रमिकों के लिए ये एक बड़ी मदद होगी. उन्हें बस खुद को रजिस्टर करके आवेदन करना है, और उनके खाते में पेंशन ट्रांसफर कर दी जाएगी”. ऑफिसर ने आगे कहा,“पोर्टल पर वो अपनी शिकायतें भी दर्ज करा सकते हैं’.

श्रम मंत्रालय ने श्रमिक सेतु का बुनियादी काम पहले ही पूरा कर लिया है. श्रम मंत्रालय के पहले अधिकारी ने कहा, ‘इस पोर्टल को नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर द्वारा स्थापित किया जाएगा’.

प्रोजेक्ट पर चर्चा करने के लिए मंत्रालय, पीएमओ के साथ कई बैठकें कर चुका है. अधिकारी ने आगे कहा, ‘शुरू में, बात हुई थी कि हर प्रवासी मज़दूर को एक पहचान नम्बर दिया जाएगा. लेकिन पीएमओ ने ये कहकर उसे ख़ारिज कर दिया, कि एक दूसरे नम्बर की ज़रूरत नहीं है. आधार नम्बर रखना काफी होना चाहिए’.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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