नई दिल्ली : सरकार रेहड़ी-पटरी पर बिकने वाले खानपान के सामान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के नियमन के बारे में सोच-विचार कर रही है.
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि रेहड़ी-पटरी पर बिकने वाले खान-पान का नियमन कर पाना मुश्किल काम है लेकिन इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है.
उन्होंने यहां भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की तरफ से आयोजित वैश्विक खाद्य नियामक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अन्य देशों में इस बारे में लागू प्रावधानों के बारे में भी राय आमंत्रित की.
सिंह के मुताबिक, इस बारे में सोचना होगा कि रेहड़ी-पटरी खाद्य विक्रेताओं पर अंकुश लगाने के लिए वित्तीय जुर्माना लगाना या उनके सामान को जब्त करना ही काफी है या फिर नियमों के उल्लंघन पर उन्हें जेल भी भेजने का प्रावधान किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘सम्मेलन में विदेश से आए कई लोगों को यह सुनने को मिलेगा कि भारत में सबसे अच्छा खान पान रेहड़ी-पटरी पर ही मिलता है. ऐसे में हमें इन विक्रेताओं का भी नियमन करने की जरूरत है. लेकिन यह भी देखना होगा कि इसमें कितनी सख्ती बरतनी है.’’
डीपीआईआईटी सचिव ने कहा, ‘‘रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं से जुड़े इस मामले में हम काफी आत्ममंथन कर रहे हैं. अगर विक्रेता गलती से खराब या कम गुणवत्ता वाला खाना परोस देता है तो क्या हमें उसे जेल में डाल देना चाहिए. यह एक मुश्किल फैसला है और इस पर गौर करने की जरूरत है.’’
इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों एवं प्रणालियों को सशक्त कर खाद्य सुरक्षा में सुधार का वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया. इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का रास्ता अपनाया जा सकता है.
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