scorecardresearch
Sunday, 5 May, 2024
होमराजनीतिकुमारस्वामी-बोम्मई साथ आए, कहा- विपक्षी दलों की बैठक के लिए IAS अफसरों की तैनाती की हो जांच

कुमारस्वामी-बोम्मई साथ आए, कहा- विपक्षी दलों की बैठक के लिए IAS अफसरों की तैनाती की हो जांच

जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी कांग्रेस के खिलाफ लगातार हमलावर हो रहे हैं. विपक्षी दलों की बैठक में अफसरों की तैनाती को नियम के खिलाफ बताया है और बीजेपी नेता व पूर्व सीएम बोम्मई के साथ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है.

Text Size:

नई दिल्ली : कभी कांग्रेस के सहयोगी रहे जेएडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अब खिलाफ होते नजर आ रहे हैं. वह भाजपा नेता बसवराज बोम्मई के साथ बृहस्पतिवार को अपने-अपने विधायकों के साथ राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, उन्होंने उनसे बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने जिस होटल में बैठक की, वहां आईएएस अधिकारी की तैनाती जांच करने की मांग की है.

उनके इन कदमों से कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहेल जेडीएस भाजपा के साथ जा सकता है. वहीं 17 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर भी कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर हमला बोला था.

हालांकि कुमार स्वामी ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के साथ किसी गठबंधन को जल्दबाजी बताया था.


यह भी पढ़ें : आज 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे भारत-वेस्टइंडीज, जानें 80-90 के दशक में WI तो अब इंडिया है आगे


डीके शिवकुमार ने कहा- मेहमानों को सुरक्षा देना हमारी ड्यूटी

वहीं बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल का राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, “बीजेपी के नेता गुंडों जैसा बर्ताव कर रहे हैं. वे अल्पसंख्यकों एक स्पीकर या दलितों को डिप्टी स्पीकर के तौर पर स्वीकार नहीं कर सकते. इसलिए वे इस तरह का विरोध जता रहे हैं. राज्य में उन्हें (विपक्षी दल के नेताओं को) सुरक्षा देना हमारी ड्यूटी है. इसलिए हमने जरूरी व्यवस्था की. राज्य में आने वाले मेहमानों को, जो कि देश को नेतृत्व देने वाले हैं उनके साथ उचित व्यवहार किया जाना चाहिए.”

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर बोला था हमला

इसके अलावा उन्होंने बेंगलुरु में विपक्षी नेताओं की बैठक को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है जबकि पार्टी को कर्नाटक में आत्महत्या कर रहे किसानों की कोई चिंता नहीं है.

इससे इस बात की अटकलें तेज़ हो गई हैं कि जेडी(एस), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के करीब जा सकती है.

गौरतलब है कि मई में हुए 224 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में, कांग्रेस ने 135 सीटें जीतीं, भाजपा ने 66 और पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जेडी(एस) ने केवल 19 सीटें जीती हैं.

बैठक में शामिल होने का नहीं मिला न्यौता

वहीं 17-18 जुलाई को हुई विपक्षी दलों की बैठक को लेकर कुमारस्वामी ने कहा था, “मुझे (कांग्रेस नीत) महागठबंधन या यहां तक ​​कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से (बैठक के लिए) कोई निमंत्रण नहीं मिला. जब निमंत्रण आएगा तो देखेंगे. हम अपनी पार्टी में चर्चा के बाद फैसला करेंगे.”

निमंत्रण न दिए जाने के जेडीएस के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, “आमतौर पर, जो लोग तैयार हैं…जिनमें इस तानाशाही शासन के खिलाफ लड़ने का साहस है…वे हमारे साथ आते रहे हैं (रहेंगे)…उन्हें निमंत्रण की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.”

कांग्रेस-जेडीएस ने बनाई थी सरकार

2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में खंडित जनादेश के बाद भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस और जेडी(एस) एकजुट हो गए थे. जेडी(एस) के कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. मई 2018 में आयोजित उनके शपथ ग्रहण समारोह में कम से कम 15 राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था, जिसे विपक्ष द्वारा बड़े शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया था.

हालांकि, कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन 14 महीने से अधिक नहीं चल सका.

अधिकारियों की तैनाती को बताया नियम के खिलाफ

जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार पर बेंगलुरु में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 30 अधिकारियों को तैनात करके राज्य में ‘आईएएस बंधुआ मजदूरी’ नीति शुरू करने का आरोप लगाया था.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कई ट्वीट कर कहा था कि आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता एवं दक्षता के प्रतीक हैं और इन अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के लिए ‘द्वारपाल’ के रूप में तैनात करना अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है.

कुमारस्वामी ने कहा था, “आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता और दक्षता के प्रतीक हैं और वे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसे में इन अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के लिए ‘द्वारपाल’ के रूप में तैनात करना सत्तारूढ़ दल के अहंकार की पराकाष्ठा को दर्शाता है.”

कुमारस्वामी ने एक ट्वीट में बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं की मेजबानी के लिए तैनात आईएएस अधिकारियों के नामों की सूची साझा करते हुए आरोप लगाया था, ‘‘गठबंधन बनाकर सत्ता हासिल करने के लालच में कांग्रेस ने कर्नाटक के गौरव, विरासत और आत्मसम्मान का अंतिम संस्कार कर दिया है. अपने गठबंधन नेताओं की सेवा के लिए आईएएस अधिकारियों को तैनात कर कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने गलत किया है. क्या कथनी और करनी में अंतर न होने का उनका यही मतलब है?’’

जेडी(एस) नेता ने कहा था, ‘‘यह न तो राज्य सरकार का कार्यक्रम है, न ही नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह. यह सिर्फ एक राजनीतिक बैठक है. अपने गठबंधन के नेताओं की मेजबानी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नियुक्त करना राज्य के 6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों के साथ गंभीर अन्याय और बहुत बड़ा अपमान है.’’


यह भी पढ़ें : मणिपुर में बलात्कारों के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता. हिंसा के बीच एक सन्नाटा छाया हुआ है


 

share & View comments