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Saturday, 20 April, 2024
होमदेशमोदी सरकार ने अपने हाथों में लिया वैक्सीनेशन अभियान, 80 करोड़ लोगों को दिवाली तक मिलेगा मुफ्त राशन

मोदी सरकार ने अपने हाथों में लिया वैक्सीनेशन अभियान, 80 करोड़ लोगों को दिवाली तक मिलेगा मुफ्त राशन

मोदी ने भरोसा दिलाया कि महामारी के समय में सरकार गरीब के साथ उसका साथी बनकर खड़ी है. उन्होंने कहा, 'किसी भी गरीब को भूखा सोना न पड़े इसके लिए ही ये प्रयास किये जा रहे हैं.'

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि 21 जून से देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम का काम केंद्र सरकार संभालेगी. उन्होंने कहा कि 21 जून (सोमवार) से देश के हर राज्य में 18+ के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी. देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘ये निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन का जो काम था वो भारत सरकार उठाएगी. आने वाले दो सप्ताह में इसे लागू किया जाएगा, तब तक केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस पर आवश्यक तैयारी करेगी.’

मोदी ने कहा, ‘जो व्यक्ति मुफ्त वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते या प्राइवेट में लगवाना चाहते हैं, उनका भी ध्यान रखा गया है. देश में बन रही वैक्सीन का 25 प्रतिशत टीका प्राइवेट सेक्टर को दी जाएगी.’

‘प्राइवेट अस्पताल हर डोज पर 150 रुपए सर्विस चार्ज ही ले सकेगी. इसकी निगरानी का काम राज्यों को दिया गया है.’


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दीपावली तक मिलेगा मुफ्त राशन

पीएम मोदी ने कहा कि 80 करोड़ गरीब परिवारों को दीपावाली तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज दिया जाएगा.

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उन्होंने कहा, ‘पिछले वर्ष जब कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा था तब पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया था. इस साल भी मई-जून में लोगों को इसका फायदा दिया गया.’

मोदी ने भरोसा दिलाया कि महामारी के समय में सरकार गरीब के साथ उसका साथी बनकर खड़ी है. उन्होंने कहा, ‘किसी भी गरीब को भूखा सोना न पड़े इसके लिए ही ये प्रयास किये जा रहे हैं.’


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‘वैक्सीन पर भ्रम फैलाना, लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बीच कई क्षेत्रों से वैक्सीन को लेकर भ्रम और चिंताएं बढ़ी हैं. कुछ लोगों द्वारा ऐसी बातें कही गईं जिससे आम लोगों के मन में शंका पैदा हुई. जो लोग वैक्सीन को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं वे लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘ऐसी अफवाहों से सबको सतर्क रहने की जरूरत है.’

पीएम मोदी ने ने युवाओं और समाज के प्रबुद्ध लोगों से अपील की कि वे वैक्सीन को लेकर जागरुकता बढ़ाने में मदद करें.


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‘वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज की जाएगी’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम को गति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारे देश में इसकी रफ्तार काफी देशों से तेज है और कोविन प्लेटफॉर्म की दुनिया में चर्चा हो रही है.

मोदी ने कहा, ‘आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई बढ़ेगी. वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए टीका खरीदने की प्रक्रिया को तेज किया गया है.’

उन्होंने कहा, ‘वैक्सीन की हर डोज महत्वपूर्ण है. राज्यों को कुछ सप्ताह पहले ही बता दिया जाएगा कि उन्हें कितनी डोज मिलने वाली है. वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार हर नागरिक तक इसकी पहुंच हो, ये हर सरकार और प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है.’

पीएम मोदी ने कहा कि दूसरी लहर के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी है. उन्होंने कहा, ‘हम इस जंग में जरूर जीतेंगे.’

‘दुनिया के दूसरे देशों की तरह इस लड़ाई के दौरान भारत भी काफी गहरी पीड़ा से गुजरा है. हमने अपने परिजनों और परिवारों को खोया है.’


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‘हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया’

पीएम न कहा, ‘बीते सौ सालों में ये सबसे बड़ी महामारी है. इस तरह की महामारी आधुनिक दुनिया ने अनुभव नहीं किया था. भारत कई मोर्चे पर एक साथ लड़ा है. वेंटिलेटर, टेस्टिंग लैब्स, कोविड बेड्स को लेकर देश ने काम किया है. देश ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार किया है.’

‘भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय तौर पर बढ़ गई थी. इतने बड़े स्तर पर कभी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी. जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया. नौसेना, भारतीय सेना और वायु सेना को लगाया गया. जरूरी दवाओं के प्रोडक्शन को कई गुना बढ़ाया गया. विदेशों से दवाइयों को लाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई.’

उन्होंने कहा, ‘कोरोना जैसे रूप बदलने वाले दुश्मन के खिलाफ सबसे प्रभावी हथियार कोविड प्रोटोकॉल है. मास्क और दो गज की दूरी ही अहम है. पूरे विश्व में वैक्सीन की जो मांग है उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां काफी कम है.’


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‘वैक्सीनेशन कवरेज बढ़ाया’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘अगर भारत में देश निर्मित वैक्सीन नहीं होती तो देश का क्या होता? पहले वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे. पोलियो की वैक्सीन, चेचक की वैक्सीन, हैपिटाइटस वैक्सीन हो, इसके लिए देश ने दशकों तक इंतजार किया है.’

‘2014 में भारत का वैक्सीनेशन कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के करीब था. ये बहुत चिंता की बात थी. जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण अभियान चल रहा था उस हिसाब से 100 फीसदी लक्ष्य पूरा करने में 40 साल लग जाते. इसके लिए हमने मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की जिसके तहत युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन चलाया गया. सिर्फ 5-6 सालों में ही वैक्सीनेशन का कवरेज 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गया.’

उन्होंने कहा, ‘हमने वैक्सीनेशन की स्पीड के साथ उसका दायरा भी बढ़ाया. हमने बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए भी काम किया. हमें देश के बच्चों और गरीबों की चिंता थी.’

‘कोविड के साथ दुनिया के सामने पुरानी आशंकाएं घिरने लगी थी कि भारत कैसे इतनी बड़ी आबादी को बचा पाएगा. लेकिन अगर नीयत सही होती है तो नतीजे भी मिलते हैं. भारत ने एक साल के भीतर ही दो मेड इन इंडिया वैक्सीन लांच की. वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है.’

मोदी ने कहा, ‘अब तक देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को भारत सरकार ने मदद की. रिसर्च के लिए उन्हें फंड दिया. आत्मनिर्भर भारत फंड के तहत उन्हें हजारों करोड़ रुपए दिए गए.’


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‘मानवता के लिए बड़ी उपलब्धि’

पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ विशेषज्ञों ने बच्चों के लिए चिंता जताई. इसके लिए दो वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. भारत में नेजल वैक्सीन पर भी रिसर्च जारी है.’

मोदी ने कहा, ‘इतने कम समय में वैक्सीन बनाना पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन इसकी अपनी सीमाएं हैं. वैक्सीन बनने के बाद भी दुनिया के बहुत कम देशों में टीकाकरण शुरू हुआ है.’

उन्होंने कहा, ‘कोविड की दूसरी लहर से पहले हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन नहीं लगी होती तो क्या होता. वैक्सीनेशन के कारण ही वो लाखों लोगों की जान बचा पाए.’


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