नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 सितंबर को वाशिंगटन में क्वाड समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी घोषणा की.
इस बैठक में मुक्त एवं खुला तथा समावेशी हिन्द प्रशांत सुनिश्चित करने के रास्तों सहित समसामयिक विश्व की चुनौतियों पर मुख्य रूप से विचार किये जाने की संभावना है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र के एक उच्च स्तरीय खंड को भी संबोधित करने का कार्यक्रम है.
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री 24 सितंबर को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.’ इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है.
पिछली बार मोदी ने सितंबर 2019 में अमेरिका की यात्रा की थी जब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.
बयान में बताया गया कि ये नेता 12 मार्च को ऑनलाइन हुए शिखर सम्मेलन के बाद हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और साझा हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
मंत्रालय ने कहा, ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के उनके प्रयासों के तौर पर, वे क्वाड टीकाकरण पहल की समीक्षा करेंगे, जिसकी घोषणा मार्च में की गई थी.’
उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. अमेरिका क्वाड समूह की बैठक कर रहा है जिसमें समूह के नेता हिस्सा लेंगे. इसके जरिये अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और समूह के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का मजबूत संकेत देना चाहता है.
मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक डिजिटल माध्यम से आयोजित की थी और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता प्रकट की थी. इसका परोक्ष संदेश चीन को लेकर था.
मोदी वाशिंगटन में अपना कार्यक्रम पूरा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के लिये न्यूयार्क जायेंगे.
मंत्रालय के बयान में कहा गया कि नेता महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, सम्पर्क और बुनियादी ढांचे, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे समकालीन वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
मंत्रालय ने कहा, ‘शिखर सम्मेलन, नेताओं के बीच संवाद तथा बातचीत के लिए एक मूल्यवान अवसर प्रदान करेगा, जो एक स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने के उनके साझा दृष्टिकोण पर आधारित है.’
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा की तैयारियों को लेकर दोनों देशों ने कई बैठके की थी. इसमें अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री की यात्रा शामिल हैं.