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Tuesday, 26 August, 2025
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महाराष्ट्र : यकृत प्रतिरोपण सर्जरी के बाद दंपति की मौत, पीएमसी ने निजी अस्पताल को नोटिस जारी किया

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पुणे, 25 अगस्त (भाषा) पुणे में पति को अपने यकृत (लिवर) का एक हिस्सा दान करने वाली महिला की मौत हो गई। इससे कुछ दिन पहले प्रतिरोपण सर्जरी के बाद उसके पति की भी मौत हो गई थी।

इस घटना के बाद महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने पुणे के एक निजी अस्पताल को नोटिस जारी किया है।

पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने सोमवार को सह्याद्री सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को नोटिस जारी किया, जिसके एक दिन पहले राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भी प्रबंधन से जवाब मांगा था।

अस्पताल ने एक बयान में बताया कि उसने स्वास्थ्य सेवाओं के उपनिदेशक द्वारा जारी नोटिस का विस्तृत जवाब प्रस्तुत कर दिया है।

अस्पताल द्वारा सोमवार को जारी बयान के अनुसार, “कुछ अतिरिक्त जानकारी भी मांगी गई है, जिस पर हम अपना जवाब साझा करेंगे। हम अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग देंगे और पारदर्शिता तथा मरीज की देखभाल के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।”

पीएमसी के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी सूर्यकांत देवकर ने बताया कि अस्पताल को 24 घंटे के भीतर घटना के बारे में विस्तृत स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया था।

स्वास्थ्य सेवा के उप निदेशक डॉ. नागनाथ येमपल्ले ने रविवार को बताया कि सह्याद्रि अस्पताल को प्रतिरोपण प्रक्रिया से संबंधित सभी विवरण सोमवार तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा, “हमने अस्पताल को नोटिस जारी किया है और प्राप्तकर्ता (जिसे यकृत मिला) तथा दाता (जिसने यकृत दिया) की जानकारी, उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग और इलाज से जुड़ी पूरी जानकारी मांगी है। अस्पताल को यह सारी जानकारी सोमवार तक देने के लिए कहा गया है।’’

कामिनी ने अपने पति बापू कोमकर को अपने यकृत का एक हिस्सा दान किया था, जिसके बाद बापू कोमकर की 15 अगस्त को अस्पताल में सर्जरी की गई थी।

प्रतिरोपण सर्जरी के बाद बापू कोमकर की तबीयत बिगड़ गई और 17 अगस्त को उनकी मृत्यु हो गई। कामिनी 21 अगस्त को संक्रमण की चपेट में आ गईं और इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।

उनके परिवार के सदस्यों ने चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया और मामले की जांच की मांग की।

अस्पताल ने कहा कि सर्जरी मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल के अनुसार की गई थी।

अस्पताल के बयान में बताया गया कि मरीज (बापू कोमकर) को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं।

बयान में कहा गया, “हम इस कठिन समय में कोमकर परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। यकृत प्रतिरोपण एक बेहद जटिल प्रक्रिया होती है, और इस मामले में मरीज पहले से ही कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से ग्रस्त थे।’’

अस्पताल ने बताया कि परिवार और दाता को सर्जरी के जोखिमों के बारे में पहले ही पूरी जानकारी दे दी गई थी।

बयान में कहा गया, “सर्जरी मानक चिकित्सा प्रक्रियाओं का पालन करते हुए की गई थी। दुर्भाग्यवश, प्रतिरोपण के बाद प्राप्तकर्ता को ‘कार्डियोजेनिक शॉक’ हो गया और तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।”

‘कार्डियोजेनिक शॉक’ एक गंभीर स्थिति है जब दिल इतना कमजोर हो जाता है कि वह शरीर के अंगों और ऊतकों को पर्याप्त मात्रा में रक्त पंप नहीं कर पाता।

कामिनी कोमकर के स्वास्थ्य के बारे में अस्पताल ने कहा कि शुरुआत में उनकी सेहत में सुधार हुआ, लेकिन बाद में उन्हें ‘सेप्टिक शॉक’ और कई अंगों की खराबी हो गई, जिसे उन्नत इलाज के बावजूद नियंत्रित नहीं किया जा सका।

‘सेप्टिक शॉक’ एक गंभीर और खतरनाक स्थिति है, जो शरीर में भारी संक्रमण (सेप्सिस) के कारण होती है। जब संक्रमण फैल जाता है, तो यह शरीर की नसों और रक्त परिसंचरण को प्रभावित करता है, जिससे रक्तचाप बहुत नीचे गिर जाता है और शरीर के अंगों तक रक्त पहुंचना कम हो जाता है।

बयान में कहा गया, “हम उच्चतम स्तर की देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दुखद समय में शोक संतप्त परिवार को अपना पूरा समर्थन देते हैं।”

भाषा राखी राखी जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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