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Saturday, 4 May, 2024
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मध्य प्रदेश के होशंगाबाद शहर का नाम अब नर्मदापुरम होगा: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

चौहान ने लोगों से से पूछा, ‘नया नाम क्या होना चाहिये? इस पर लोगों ने उत्तर दिया- ‘नर्मदापुरम’. इसके बाद चौहान ने कहा कि अब हम केन्द्र को होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने का प्रस्ताव भेज रहे हैं.

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भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि नर्मदा नदी के किनारे बसे होशंगाबाद का नाम बदल कर अब नर्मदापुरम रखा जायेगा और इस संबंध में एक प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास भेजा जायेगा.

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शुक्रवार शाम को भोपाल से लगभग 80 किलोमीटर दूर होशंगाबाद में आयोजित नर्मदा जयंती कार्यक्रम के दौरान की. नर्मदा के तट पर एक सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या सरकार को होशंगाबाद का नाम बदलना चाहिए. इस पर लोगों ने उनको हां में जवाब दिया.

चौहान ने इसके आगे लोगों से से पूछा, ‘नया नाम क्या होना चाहिये? इस पर लोगों ने उत्तर दिया- ‘नर्मदापुरम’. इसके बाद चौहान ने कहा कि अब हम केन्द्र को होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने का प्रस्ताव भेज रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नर्मदा नदी के किनारे सीमेंट कंक्रीट का जंगल बनाने की अनुमति नहीं देगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नर्मदा किनारे पर बसे शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाये जा रहे हैं.

इस बीच, मध्य प्रदेश विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर खुशी जताते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार सुबह को पटाखे फोड़े.

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शर्मा ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक क्षण है. नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा है. होशंगाबाद अब तक एक हमलावर होशांग शाह के नाम से जाना जाता था लेकिन अब मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मां नर्मदा के नाम से जाना जायेगा. ये खुशी की बात है. मैं जन भावनाओं का सम्मान करते हुए यह घोषणा करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं.’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और कई अन्य नेताओं ने भी इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया.

हालांकि, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने इस घोषणा को महंगाई और ईंधन की बढ़ती कीमतों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की सत्तारूढ़ भाजपा की चाल करार दिया.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने सिर्फ मुग़लों से जुड़े नाम बदले, लेकिन ब्रिटिश शासकों से जुड़े नामों को नहीं बदला. मिंटो हॉल (पुराना विधानसभा भवन) का नाम क्यों नहीं बदला गया?’ उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है और इसकी बजाय विकास कार्यो और लोगों को मंहगाई से राहत देने पर सरकार को ध्यान देना चाहिये.


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