नई दिल्ली: आम चुनाव सिर पर है और भारतीय जनता पार्टी की पहली सीढ़ी के कई दिग्गज नेता गंभीर बीमारी की चपेट में हैं. ऐसे में पार्टी के कैडर (कार्यकर्ताओं) का मोरल डाउन न हो इसलिए पार्टी हाई कमान ने नेताओं को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने की हिदायत दी है. पार्टी हाई कमान ने अपनी हिदायत में नेताओं से कहा है कि बीमारी की वजह से भले ही आप फील्ड में नजर न आ रहे हों लेकिन आपको सोशल मीडिया पर चुस्त-दुरुस्त दिखना है, उसपर आप एक्टिव रहें.
इस हिदायत का नजारा पिछले दिनों तब देखने को मिला जब अपनी बीमारी की अफवाह को दरकिनार कर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कोलकाता में रैली करते दिखे. उन्हें 16 जनवरी को स्वाइन फ्लू हुआ था इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी थी. अपने स्वास्थ्य को लेकर चल रही सारी अफवाहों को एक ट्वीट कर समाप्त कर दिया, उन्होंने ट्वीट किया मुझे स्वाइन फ्लू हो गया है. 20 जनवरी को जब वह अस्पताल से आए तब उन्होंने नरेंद्र मोदी के भारतीय क्रिकेट टीम की जीत वाले ट्वीट को री-ट्वीट किया और टीम को बधाई दी थी.
चुस्त दिखें सोशल मीडिया पर
अब जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं ऐसे में भाजपा हाईकमान ने अपने नेताओं से कहा है कि अफवाह पर लगाम लगाने के लिए अपने स्वास्थ्य के मसलों को दरकिनार करते हुए अगर हो सके तो जिंदगी की सबसे बड़ी चुनावी चुनौती में शामिल हो जाएं. साथ ही हाई कमान ने नेताओं से यह भी कहा कि वह फिट दिखें.. पार्टी अध्यक्ष हाई कमान के आदेश का भरपूर पालन करते दिखे. वह पश्चिम बंगाल के माल्दा और झारग्राम में 22 और 23 जनवरी को चुनावी रैली को संबोधित किया. और कुछ दिनों में वह उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में फिर घूमते नजर आएंगे.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी बिना कर बढ़ाए संभव ही नहीं
भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि शाह का सोशल मीडिया पर खुद को बीमार घोषित करना और फिर पार्टी के लिए काम करना उनकी पार्टी के लिए संजीदगी को दिखाता है. जिस तरह से बीमारी के बाद भी शाह काम कर रहे हैं वह दिखाता है कि वह अपनी पार्टी के नेताओं से क्या चाहते हैं. वरिष्ठ नेता ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं की बीमारी से कैडर के उत्साह में कमी न आने पाए इसलिए हाईकमान ने यह आदेश दिया है.
वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि चुनाव के मैदान के बीच में स्वास्थ्य नहीं आना चाहिए, अब जब पार्टी नेताओं के स्वास्थ्य को लेकर बहुत सारी अफवाह फैल रही है ऐसे में यह सलाह दी जाती है कि वह खुद ही अपनी बात सोशल मीडिया पर लिखें. पार्टी के राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी राम लाल इसी साल जनवरी में कैलाश हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे लेकिन तेज बुखार होने के बाद भी वह सोशल मीडिया पर एक्टिव नजर आए.
लेकिन सब ठीक है
कई वरिष्ठ भाजपा नेता गंभीर बीमारी के साथ लंबे समय से अस्पताल में भर्ती हैं, पार्टी की यह कोशिश है कि उनकी उपस्थिति सोशल मीडिया पर दिखती रहनी चाहिए. अब पार्टी ने निर्णय लिया है कि वरिष्ठ नेताओं के बीमार रहने के बाद भी उनका सोशल एकाउंड एक्टिव दिखता रहना चाहिए. वित्त मंत्री अरुण जेटली पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार हैं और अमेरिका इलाज के लिए गए हैं.
यहां तक कि उन्हें बीमारी की वजह से विभाग का वार्षिक कार्यक्रम बजट को भी छोड़ना पड़ा. पिछली बार जब जेटली तीन महीनों के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे और उनका कार्यभार पीयूष गोयल ने संभाला था तब भी जेटली सोशल मीडिया के कई प्लैटफॉर्म पर लगातार एक्टिव बने रहे थे. वह फेसबुक और ट्वीटर पर अपने विचार पोस्ट करते रहे थे. यहां तक कि उन्होंने जीएसटी और इकोनोमिक ग्रोथ पर ब्लॉग भी लिखा था.
यह भी पढ़ें: यूपी में महागठबंधन और प्रियंका फैक्टर के जवाब में बीजेपी ने तैयार की रणनीति
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब जब जेटली अमेरिका में इलाज करा रहे हैं तब भी वह ट्वीटर और ब्लॉग पर लगातार एक्टिव बने हुए हैं. वह सोशल मीडिया के माध्यम से देश में क्या हो रहा है उसकी जानकारी भी रखे हुए हैं. उनकी प्राथमिकता पार्टी और लोग हैं. वहीं इसका दूसरा उदाहरण तब देखने को मिला जब अमित शाह एम्स में स्वाइन फ्लू का इलाज करा रहे थे तब भी वह सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव बने हुए थे. पार्टी सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सबकुछ ठीक लगे.
ऐसा ही एक उदाहरण भाजपा सरकार में रक्षा मंत्री रहे, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर का भी है. वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं लेकिन बीच बीच में वह कार्यक्रमों में दिखाई देते रहे हैं. वह वीडियो ऑनलाइन के माध्यम से भी एक्टिव दिखाई देते रहते हैं. पिछले दिनों वह राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नाक में नली लगाए मीडिया के सामने भी आए. भाजपा के नेता ने कहा कि वह एक फाइटर हैं. उन्होंने फिर से प्रदेश का चार्ज संभाल लिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा को अभी ऐसे ही नेता की जरूरत है.
यह बात चौंकाती है कि पार्लियामेंट अफेयर मंत्री अनंत कुमार अपनी मौत के कुछ दिन पहले तक लगातार ट्वीटर पर एक्टिव रहे. यह तब था जब वह कई हफ्तों से इलाज करा रहे थे. पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि तब जब लोकसभा चुनाव सिर पर है तब पार्टी नहीं चाहती है कि कैडर में यह बात जाए कि पार्टी के वरिष्ठ नेता बीमार हैं.
सोशल मीडिया में स्वास्थ्य
सुष्मा स्वराज ने पिछले दिनों घोषणा की कि वह अगला आम चुनाव नहीं लड़ेगीं. चुनाव न लड़ने का रीजन उन्होंने स्वास्थ्य दिया. वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ऐसा नहीं कि वह चुनाव प्रचार कर सकें. यही नहीं और भी नेता हैं जो समय समय पर एम्स के चक्कर लगाते रहे हैं. इनमें से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र सिंह तोमर, नितिन गडकरी भी अस्पताल के चक्कर लगाते रहे हैं लेकिन एकभी दिन उन्होंने यह एहसास होने नहीं दिया कि वह बीमार हैं.