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Wednesday, 8 May, 2024
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यूपी में महागठबंधन और प्रियंका फैक्टर के जवाब में बीजेपी ने तैयार की रणनीति

हर बूथ पर '21 सिपाही' होगा महागठबंधन और प्रियंका को बीजेपी का जवाब, बीजेपी की ओर से जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक की प्लानिंग लगभग फाइनल.

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लखनऊ: 2014 लोकसभा चुनाव में यूपी में 73 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी के लिए 2019 की राह आसान नहीं दिख रही. एक तरफ सपा-बसपा-आरएलडी महागठबंधन का ऐलान हो चुका है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने ‘प्रियंका कार्ड’ चल दिया है जिससे बीजेपी की चुनौतियां दोनों तरफ से बढ़ गई हैं. इसका मुकाबला करने के लिए बीजेपी ने भी तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी की ओर से जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक की प्लानिंग लगभग फाइनल हो गई है. इस पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की अंतिम मुहर लगनी बाकी है जो कि 30 जनवरी को यूपी आ रहे हैं.

हर बूथ पर ’21 सिपाही’

बीजेपी की ओर से बूथ स्तर पर बड़ी तैयारी है. यूपी में कुल 1.63 लाख बूथ हैं. इनमें 1.40 लाख बूथों पर बीजेपी 21 सदस्यों की टीम तैयार कर रही है. इन्हें 21 सिपाही कहकर भी संबोधित किया जाएगा. बाकि 23 हजार बूथों के लिए दूसरी रणनीति तैयार की जाएगी. इस तरह से 1.40 लाख बूथों पर बीजेपी 29 लाख 40 हजार कार्यकर्ता तैयार कर रही है जो ‘बूथ मैनेजमेंट’ संभालेंगे. हर बूथ पर 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य रखा गया है. खास बात ये है कि हर बूथ समिति में दलित व पिछड़ी जाति की सदस्यता अनिवार्य है. इसके जरिए दलित व पिछड़ा वर्ग के वोटरों के बीच पकड़ बनाने का प्रयास है.

21 सिपाही में ‘वन बूथ, 10 यूथ’ फाॅर्मूला भी लागू रहेगा

बीजेपी के बूथ सम्मेलनों के प्रभारी व प्रदेश उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर का कहना है कि बीजेपी ने बूथ स्तर तक पूरी प्लानिंग कर ली है. हर बूथ के लिए अलग रणनीति है. ‘वन बूथ 10 यूथ’ फार्मूला भी लागू रहेगा. दरअसल, वन बूथ 10 यूथ रणनीति के तहत इन 21 सदस्यीय समितियों में 18-35 साल की उम्र के 10 युवाओं का होना आवश्यक है. बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बूथ समितियों में एंड्राॅयड फोन व बाइक रखने वाले युवाओं को तवज्जो दी जाएगी.

उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर बताते हैं कि 12 फरवरी से 26 फरवरी के बीच संपर्क अभियान चलेगा. 26 को कमल ज्योति अभियान के तहत सभी कार्यकर्ता दीपक जलाएंगे. इसके जरिए संदेश दिया जाएगा कि भाजपा विपक्ष के फैलाए अंधेरे को मिटाएगी.

तैयार हो रहे नारे, सोशल मीडिया पर भी फोकस

‘अबकी बार फिर मोदी सरकार’, ‘सबका मुकाबला अकेले कर लेंगे मोदी’ जैसे तमाम नारे तैयार किए जा रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी सोशल मीडिया सेल को भी तमाम निर्देश दिए गए हैं. ‘बुआ-भतीजा’ समेत तमाम नाम तैयार कर महागठबंधन पर वार की तैयारी है. वहीं ‘प्रियंका फैक्टर’ को भी चुनौती देने के लिए राहुल गांधी व प्रियंका गांधी पर पोस्टर व सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए तंज कसने की तैयारी चल रही है.

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प्रियंका की एंट्री से क्या फर्क पड़ेगा?

यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का कहना है कि महागठबंधन या प्रियंका गांधी की एंट्री से बीजेपी की तैयारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. किसी का राजनीति में प्रवेश करने से चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. केवल 2014 लोकसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि 2017 विधानसभा चुनाव और फिर निकाय चुनाव में भी हमारी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा था. हम इसे दोहराएंगे. उपचुनाव और मुख्य चुनाव में फर्क होता है. हमने दो उपचुनाव छोड़ पिछले सभी चुनाव जीते हैं.

पहले से था अंदाजा

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन का कहना है कि महागठबंधन का मुकाबला करने के लिए हम संगठन के तौर पर अंदर से पहले से तैयार थे. बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को नारे भी बता दिए गए हैं. हर बूथ का विश्लेषण किया जा रहा है. विभिन्न समाजिक सम्मेलन हुए, जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल हुए. वहीं जहां तक प्रियंका गांधी की एंट्री का सवाल है तो उससे हमारी रणनीति में कोई बदलाव नहीं होने वाला. उनकी कनेक्टिविटी नहीं है.

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर माह में बीजेपी ने राजधानी लखनऊ में पिछड़ा व दलित वर्ग सम्मेलन किए थे जिसमें हर जाति के लोगों तक सरकार के काम को पहुंचाने का प्रयास था. इसमें हर जिले से प्रतिनिधियों को बुलाया गया था.

30 जनवरी को आएंगे अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 30 जनवरी को बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन की शुरुआत करेंगे. इसके अलावा कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र व अवध क्षेत्र के लखनऊ सम्मेलन में शामिल होंगे. वहीं फिर 2 फरवरी को पश्चिम यूपी के गजरौला 8 फरवरी को जौनपुर और कुशीनगर में शामिल होंगे. इसके अलावा सेक्टर सम्मेलन भी शुरू कर दिए गए हैं, जिसमें यूपी प्रभारी जेपी नड्डा खुद शामिल हो रहे हैं. वह हर जिले में जाकर संगठन के लोगों से मिल रहे हैं. बीजेपी नेता खुलकर भले ही न स्वीकार करें, लेकिन महागठबंधन व प्रियंका की एंट्री ने यूपी में बीजेपी की चुनौतियां बढ़ा दी हैं, जिसका जवाब देने में बीजेपी का पूरा संगठन जुट गया है.

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