नई दिल्ली: लोकपाल को अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 के बीच भ्रष्टाचार की 4,244 शिकायतें मिली हैं, जो 2020-21 से 80 प्रतिशत अधिक है
वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान इसे 1,427 शिकायतें मिली थीं. लोकपाल ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल पर बताया है, ‘वित्तीय वर्ष 2021-22 (31 जनवरी 2022 तक) के दौरान कुल 4,244 शिकायतें (प्रारूप और गैर-प्रारूप सहित) ऑनलाइन या ऑफलाइन और ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुई हैं.’
वहीं, 2020-21 के दौरान ऑनलाइन या ऑफलाइन और ई-मेल के माध्यम से कुल 2,355 शिकायतें (प्रारूप और गैर-प्रारूप सहित) प्राप्त हुईं. सरकार ने मार्च 2020 में लोक सेवकों के खिलाफ लोकपाल में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करने के लिए एक प्रारूप जारी किया था.
सभी शिकायतकर्ताओं को अनिवार्य रूप से गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर एक शपथ पत्र देना होता है, जिसमें अन्य चीजों के अलावा उल्लेख किया जाता है, ‘कोई भी झूठी और तुच्छ या परेशान करने वाली शिकायत करना दंडनीय है जिसमें एक अवधि के लिए कारावास, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और एक लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है.’
किसी शिकायत में लोक सेवक द्वारा किसी अपराध के किए लगाए गए आरोपों का विवरण होना चाहिए. लोकपाल संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित हिंदी, गुजराती, असमिया और मराठी सहित 22 भाषाओं में से किसी में भी दी गई शिकायतों पर विचार कर सकता है.
एक ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत पिछले साल दिसंबर में की गई थी जिसके जरिए लोग लोकपाल के समक्ष भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च 2019 को लोकपाल के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को पद की शपथ दिलाई थी. लोकपाल के पास प्रधानमंत्री सहित लोक पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार है और यह जांच करने के लिए शीर्ष निकाय है.
लोकपाल के आठ सदस्यों को 27 मार्च 2019 को न्यायमूर्ति घोष ने पद की शपथ दिलाई. इनमें चार न्यायिक और बाकी गैर न्यायिक सदस्य थे. वर्तमान में लोकपाल में न्यायिक सदस्यों के लिए दो रिक्तियां हैं.
आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में प्राप्त 1,427 शिकायतों में से 613 राज्य सरकार के अधिकारियों से संबंधित थीं और चार केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के खिलाफ थीं. लोकपाल की वेबसाइट के मुताबिक अप्रैल और जुलाई 2021 के बीच केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ 30 शिकायतें प्राप्त हुई थीं.
भाषा आशीष देवेंद्र
देवेंद्र
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