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Friday, 3 May, 2024
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कृषि मंत्रालय ने छह राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा, अगस्त में फिर हो सकता है टिड्डी दल का हमला

भारत और पाकिस्तान के बार्डर पर टिड्डियों का प्रजनन शुरू हो गया है. इससे बड़ी तादाद में टिड्डी दल फिर से कई राज्यों की तरफ रुख कर सकते हैं.

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नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में टिड्डियों का प्रकोप अभी तक थमा नहीं है. अब अगस्त के मध्य में एक बार फिर टिड्डियों का दल राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में धावा बोल सकता है. कृषि मंत्रालय ने इन सभी राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है. वहीं, दूसरी तरफ भारत और पाकिस्तान के बार्डर पर टिड्डियों का प्रजनन शुरू हो गया है. इससे बड़ी तादाद में टिड्डी दल फिर से कई राज्यों की तरफ रुख कर सकते हैं.

कृषि मंत्रालय के अनुसार, ‘भारत और पाकिस्तान की सीमा पर समय से पहले ही टिड्डियों का प्रजनन शुरु हो गया है. इससे जुलाई माह में ही टिड्डियों की संख्या बढ़ जाएगी, जो अगस्त माह के बीच में गर्मियों के मौसम में पैदा होने वाले टिड्डियों के झुंड के रूप में सामने आएंगे. वहीं बसंत ऋतु में पैदा हुए टिड्डियों के कई झुंडों में से कई भारत के उत्तरी और पूर्वी राज्यों में पहुंच चुके है. वहीं कुछ नेपाल तक जा पहुंचे है. मॉनसून के शुरुआत के साथ ही ​टिड्डियों का यह दल फिर से राजस्थान लौटेगा. वहीं ईरान और पाकिस्तान से आ रहे टिड्डियों के अन्य दलों के साथ मिल जाएगा. वहीं इनके हॉर्न ऑफ ​अफ्रीका से आ रहे टिड्डी दल के साथ मिलने की भी संभावना जताई जा रही है.’


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टिड्डियों पर नियंत्रण रखने के लिए मंत्रालय ने तैयारियां शुरु कर दी है. इसके लिए विशेष स्प्रे वाहनों के साथ 60 से अधिक नियंत्रण टीमों को राजस्थान, एमपी, यूपी और गुजरात में लगाया गया है. वहीं 20 स्प्रे उपकरण भी भारत पहुंच गए है. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार के अमले भी नियंत्रण में कार्यों में लगे हुए हैं.

राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार में अब तक 1,32,465 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण कार्य किया गया है. इसके अलावा भारत टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहा है. राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी में 15 ड्रोन के साथ 5 कंपनियों को कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए तैनात किया गया है.

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टिड्डियों को भगाने के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टर का सहारा

कई राज्यों में बढ़ते टिड्डी दल के हमले से किसानों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए कई तरह के उपाय किए. किसानों ने फसलों पर हमला होने पर ढोल नगाड़े व तेज ध्वनि वाले यंत्रों से शोर करते थे. वहीं पटाखे फोड़े और आग जलाकर उन्हें भगाते थे. लेकिन इस बार टिड्डियों को भागने के लिए कई तकनीक का भी सहारा लिया गया है. इनमें ड्रोन और हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है.

सरकार ने टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद भी ली है. राजस्थान में पहली बार टिड्डी नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से केमिकल्स का छिड़काव शुरू किया गया. वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर से केमिकल्स छिड़काव के लिए तैयार किया. अधिकांश जगह खेतों में ड्रोन का उपयोग कर कीटनाशकों का छिड़काव किया गया.

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