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Saturday, 4 May, 2024
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2022 के बाद से DDA पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण, फ्लैट्स का न बिकना है बड़ा कारण

दिल्ली विकास प्राधिकरण के पास 16,000 न बिकने वाले घर हैं, जबकि 24,000 अन्य को बिक्री के लिए रखा जाना बाकी है. अब इसने आगामी आवास योजना के लिए राजस्व लक्ष्य 4,600 करोड़ रुपये तय किया है.

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नई दिल्ली: जुलाई 2022 में उपराज्यपाल (एल-जी) वी.के. सक्सेना ने एक्स पर एक पोस्ट किया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण से जूझ रहा है, और यह नोट किया गया कि यह भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसी के कुप्रबंधन के कारण हुआ.

सक्सेना ने अपनी पोस्ट में लिखा, “हालांकि डीडीए दुनिया में सबसे महंगी और सबसे बड़ी अचल संपत्ति में से एक का मालिक है, लेकिन कुप्रबंधन के कारण इसका ऋण 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई हैं. आइए डीडीए को व्यवहार्य बनाने का संकल्प लें.”

एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी, डीडीए के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि इस आंकड़े में कोई कमी नहीं आई है और वास्तव में यह थोड़ा बढ़ गया है, साथ ही यह भी कहा कि ऋण के बढ़ने का कारण स्टाॅक में पड़े और न बिकने वाले फ्लैट्स है.

निश्चित रूप से, एलजी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में पांच वर्षों (2016-17 से 2021-22) में 8,915 करोड़ रुपये का ऋण शामिल हैं, जबकि कुल नकदी घाटा 3,209.14 करोड़ रुपये (2021-22 तक) था.

डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इन देनदारियों को चुकाने का एकमात्र तरीका न बिकने वाली आवास सूची पर करना है. हमने आगामी आवास योजना के लिए राजस्व लक्ष्य 4,600 करोड़ रुपये तय किया है. अगर इसे हासिल कर लिया गया, तो इससे बोझ कम हो जाएगा.”

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सीधे शब्दों में कहें तो, वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी के पास 16,000 बिना बिके मकानों की लिस्ट है, जबकि अन्य 24,000 को बिक्री के लिए रखा जाना बाकी है.

जबकि आगामी योजना, जिसके तहत 20,000 फ्लैट बिक्री के लिए होंगे, नवंबर में लॉन्च होने की संभावना है और एजेंसी ने इसके लिए अपने नियमों क्स्क्स कई बदलाव भी किए हैं, इसमें उस धारा को हटाना भी शामिल है जो दिल्ली में पहले में एक फ्लैट या प्लॉट रखने वालों को नियमित आवास योजनाओं में भाग लेने से रोकता था.

अधिकारियों ने कहा, आवास नियमों में ढील और नए दृष्टिकोण की कोशिश इस तथ्य से उपजी है कि 2014 के बाद से सभी नियमित डीडीए आवास योजनाओं को खराब प्रतिक्रिया मिली है, जिससे फ्लैटों का एक बड़ा हिस्सा नहीं बिका है. उदाहरण के लिए, दिसंबर 2021 में, जसोला, द्वारका, वसंत कुंज, रोहिणी और नरेला क्षेत्रों में प्रस्तावित 1,353 फ्लैटों में से केवल 860 फ्लैट बेचे गए.

एक अन्य वरिष्ठ डीडीए अधिकारी ने कहा, “पिछले साल ऋण भी थोड़ा बढ़ा हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि हमने आगामी योजना के लिए जो लक्ष्य तय किया है, उसे हासिल कर लेंगे. अगर चीजें योजना के अनुसार चलती हैं, तो (देनदारियों में) काफी कमी आएगी.”

दिप्रिंट टिप्पणी के लिए उपराज्यपाल सचिवालय के एक अधिकारी के पास पहुंचा. प्रतिक्रिया मिलने पर यह रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.


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द्वारका को फायदा

डीडीए के पहले वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आगामी आवास योजना में द्वारका, लोकनायक पुरम और नरेला में फ्लैट शामिल होंगे, एजेंसी मुख्य रूप से द्वारका के स्थान को देखते हुए वहां मकान बेचने को लेकर आश्वस्त है. इन्वेंट्री में 14 लक्जरी पेंटहाउस, 946 उच्च आय वाले फ्लैट (3 बीएचके) और मदद के लिए क्वार्टर वाले 117 सुपर एचआईजी फ्लैट शामिल होंगे, जो सभी द्वारका के सेक्टर 19-बी में स्थित हैं.

अधिकारी ने कहा, “आवास नियमों में ढील और नए दृष्टिकोण की कोशिश इस तथ्य से उपजी है कि 2014 के बाद से सभी नियमित डीडीए आवास योजनाओं को खराब प्रतिक्रिया मिली है, जिससे फ्लैटों का एक बड़ा हिस्सा बिना बिके रह गया है. उदाहरण के लिए, दिसंबर 2021 में, जसोला, द्वारका, वसंत कुंज, रोहिणी और नरेला क्षेत्रों में प्रस्तावित 1,353 फ्लैटों में से केवल 860 फ्लैट बेचे गए.”

डीडीए के दूसरे अधिकारी ने बताया कि पिछले साल के दौरान, प्राधिकरण की ‘पहले आओ, पहले पाओ’ योजना, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर पहले से नहीं बिके फ्लैटों की बिक्री शामिल है, ने लोगों को कुछ नए सपने दिखाए हैं.

अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को मुख्य रूप से आवास नियमों में छूट के कारण बेहतर प्रतिक्रिया की उम्मीद है, साथ ही एजेंसी ने अपने दृष्टिकोण को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए एक अध्ययन करने के लिए एक रियल-एस्टेट सलाहकार को नियुक्त किया है.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)
(संपादन: अलमिना खातून)


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