पुणे, छह जून (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि बीड जिले में आग्नेयास्त्रों के अनावश्यक लाइसेंस रद्द करने के फैसले की तर्ज पर पुणे जिले में भी इसी तरह के कदम उठाए जाएंगे।
इससे पहले, पुलिस ने बीड जिले में आग्नेयास्त्रों के लिए जारी सभी लाइसेंस की जांच की थी और प्रत्येक मामले का सत्यापन किया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हथियार रखने वाले को आग्नेयास्त्र की वैध आवश्यकता है या नहीं।
इस कदम को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के परिणाम के रूप में देखा जा रहा है।
पुणे और बीड जिलों के प्रभारी मंत्री पवार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि बीड प्रशासन ने जिले में ऐसे ही कुछ लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ पुणे में भी इसी तरह के कदम उठाए जाएंगे और इसके लिए आदेश दे दिए गए हैं। ’’
पुणे जिले में आग्नेयास्त्रों के लाइसेंस का मामला हाल ही में तब सुर्खियों में आया, जब यह बात सामने आई कि वैष्णवी हगवणे आत्महत्या मामले से जुड़े लोगों को ऐसे लाइसेंस जारी किए गए थे।
वैष्णवी (26) ने 16 मई को पुणे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि उसके ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया था। इस घटना के बाद वैष्णवी के ससुर राजेंद्र हगवणे को सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से निष्कासित कर दिया गया था।
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) के बीच संभावित गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर अजित पवार ने कहा, ‘‘राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे अपने-अपने दलों के अध्यक्ष हैं। अपनी पार्टी से जुड़ा कोई भी फैसला लेना उनका अधिकार है। आपके और मेरे इस बारे में सोचने से क्या फायदा? ’’
राजनीतिक रूप से अलग हो चुके ठाकरे भाइयों ने अपने हालिया बयानों से संभावित मनसे-शिवसेना (उबाठा) गठबंधन की चर्चा तेज कर दी है।
महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा, ‘‘जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है। महायुति में शामिल तीनों दल (भाजपा, राकांपा और शिवसेना) मिल बैठकर रणनीति तय कर लेंगे। फिलहाल सभी का ध्यान अपनी-अपनी पार्टी को मजबूत करने पर है।’’
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