नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के संबंध में उसका पूर्व आदेश “बहुत स्पष्ट” है और प्रत्येक मरने वाले के लिए भुगतान किया जाना है।
शीर्ष अदालत ने असम के एक आवेदन पर विचार करते हुए यह बात कही, जिसमें स्पष्टीकरण मांगा गया था कि क्या एक से अधिक बच्चे होने पर जान गंवाने वाले माता-पिता के प्रत्येक बच्चे को 50,000 रुपये का अनुग्रह भुगतान प्रदान किया जाएगा।
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा, “वास्तव में, हमारा पहले का आदेश बहुत स्पष्ट है और 50,000 रुपये का अनुग्रह भुगतान प्रत्येक मृत्यु के लिए होगा।”
पीठ ने कहा, “इसलिए, यह देखा गया और स्पष्ट किया गया कि यदि एक से अधिक बच्चे हैं, तो केवल एक बच्चे / परिवार के सदस्य, जैसा भी मामला हो, को 50,000 रुपये का अनुग्रह भुगतान होगा।”
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है, तो बच्चे को प्रत्येक मृत्यु के लिए 50,000 रुपये मिलेंगे, जो कि मृतक पिता के लिए एक और मृत मां के लिए दूसरा है।
कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो चुके 10,000 से अधिक बच्चों को कुछ सहायता प्रदान करने की कोशिश के तहत शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी को सभी राज्य सरकारों को उन बच्चों तक पहुंचने और उन्हें मुआवजा देने का निर्देश दिया था।
सोमवार को सुनवाई के दौरान असम की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए एक आवेदन दाखिल किया है क्योंकि राज्य में ऐसे परिवार हैं जहां एक से अधिक बच्चे हैं।
वकील ने कहा, “क्या हमें यह दोनों बच्चों को देना है या यह परिवार को एक अनुग्रह भुगतान होना चाहिए।”
इस पर पीठ ने कहा कि उसका आदेश बेहद स्पष्ट है। पीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, “यह प्रति मृत्यु 50,000 रुपये है।”
भाषा प्रशांत अनूप
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