कोट्टायम (केरल): केरल में कोट्टायम की एक अदालत ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल को नन से बलात्कार के आरोपों से शुक्रवार को बरी कर दिया.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत द्वितीय ने बिशप को बरी कर दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ सबूत पेश करने में विफल रहा था.
नन ने जून 2018 में पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2014 से 2016 के बीच मुलक्कल ने उनका यौन शोषण किया था. वह तब रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप थे. कोट्टायम जिले की पुलिस ने जून 2018 में ही बिशप के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था.
मामले की तहकीकात करने वाले विशेष जांच दल ने बिशप को सितंबर 2018 में गिरफ्तार किया था और उन पर गलत तरीके से बंधक बनाने, बलात्कार करने, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप लगाये थे. मामले में नवंबर 2019 में सुनवाई शुरू हुई, जो 10 जनवरी को पूरी हुई थी.
अदालत ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को उसकी अनुमति के बिना मुकदमे से संबंधित किसी भी सामग्री को प्रसारित करने पर रोक लगाई थी.
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