नई दिल्ली: भारतीय अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार सुबह पाकिस्तान के वाघा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष से मुलाकात की. इसमें जीरो पॉइंट पर संपर्क और यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. यह बैठक पाकिस्तान की सीमा के अंदर अटारी-वाघा सीमा पर हो रही है. बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, ‘प्रारूप के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए प्रगति हुई है. भारतीय पासपोर्ट धारकों और ओसीआई कार्ड धारकों के लिए सप्ताह में सात दिन वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देने पर सहमति बनी थी.’ इसके अलावा पूरे वर्ष 5000 तीर्थयात्रियों को प्रति दिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने की अनुमति दी जाएगी. तीर्थ यात्रियों को व्यक्तिगत या समूहों में और पैदल भी यात्रा की अनुमति होगी.
पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपा डोजियर
इस मामले को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों को एक डोजियर भी सौंपा गया. सीमा के दूसरी ओर व्यक्तियों या संगठनों पर चिंताओं को साझा किया जो तीर्थयात्रा को बाधित या दुरुपयोग कर सकते हैं.
बयान में कहा गया कि मामले में चिंताओं को उजागर करने के लिए पाकिस्तान की ओर से एक डोजियर भी सौंपा गया. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में भी कांउसलर उपस्थिति की मांग की है.
पाकिस्तान ने अपनी ओर से कई तरह की बाधाओं को उजागर करते हुए यह संदेश दिया कि वे भारत के कई प्रस्तावों को चरणबद्ध तरीके से समायोजित करने में सक्षम हो सकते हैं.
भारत विरोधी किसी भी गतिविधि को अनुमति नहीं दी जाएगी
पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने भारतीय समकक्षों को आश्वासन दिया कि भारत विरोधी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी. भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ करतारपुर मार्ग पंजाब में गुरदासपुर से तीन किलोमीटर दूर है. एक बार खुलने के बाद, यह सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सीधी पहुंच की अनुमति देगा. यह वही जगह है जहां गुरु नानक देव का 1539 में निधन हो गया था.
आज की बैठक ने मार्च, अप्रैल और मई 2019 में आयोजित तकनीकी बैठक के तीन दौर में हुई प्रगति की भी समीक्षा की. दोनों पक्षों ने क्रॉसिंग पॉइंट या ‘शून्य बिंदु’ निर्देशांक का समर्थन किया, जो तकनीकी स्तर पर सहमत थे.
भारत ने श्री गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के शुभ अवसर पर 1974 प्रोटोकॉल के तहत अपने 10,000 तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान जाने की अनुमति देने के लिए प्रस्ताव दिया.
निर्बाध संपर्क सुनिश्चित होगा
बैठक में, दोनों पक्ष करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते को अंतिम रूप देने के लिए संचार के माध्यम को बनाए रखने और काम करने पर सहमत हुए.
भारत ने नोट किया कि भारतीय राज्य में यात्री टर्मिनल सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो एक दिन में 15000 से अधिक तीर्थ यात्रियों को संभाल सकता है. मंत्रालय ने बयान में कहा कि इसे 31 अक्टूबर, 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चार-लेन राजमार्ग पर क्रॉसिंग बिंदु पर काम संतोषजनक रूप से प्रगति कर रहा है और समय पर है. यह सितंबर 2019 के अंत तक पूरा हो जाएगा.
बयान में कहा गया है, ‘करतारपुर कॉरिडोर के लिए निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी दल फिर से मिलेंगे ताकि तीर्थयात्रा नवंबर 2019 में शुरू हो सके.’
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एससीएल दास, गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पीएआई – पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान) ने किया.