रांची: धनबाद जिला अदालत के जज उत्तम आनंद की जुलाई, 2021 में हुई अप्राकृतिक मौत मामले की जांच उचित तरीके से नहीं करने को लेकर सीबीआई की खिंचाई की और कहा कि वह इसके पीछे पैठी गहरी साजिश का पता लगाए.
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति एस. एन. प्रसाद की खंड पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मोबाइल फोन झपटमारी की नियत से हत्या करने की बात स्वीकार करने योग्य नहीं है.
अदालत ने कहा कि इससे जुड़ा सीसीटीवी फुटेज देखने से कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि ऑटोचालक ने सिर्फ मोबाइल फोन छीनने के लक्ष्य से अपने सहयोगी के साथ मिलकर न्यायाधीश की हत्या कर दी और यदि ऐसा था तो उन्होंने फोन क्यों नहीं लूटा?
इस पर सीबीआई के जांच अधिकारी ने कहा कि ऑटो से न्यायाधीश को धक्का मारने के दौरान दोनों ओर से बाइकें आ रही थीं इसीलिए ऑटोचालक ने पकड़े जाने के डर से फोन नहीं लूटा.
पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह इस मामले में ऑटो चालक तथा उसके सहयोगी की नार्को, ब्रेन मैपिंग परीक्षण की दोनों रिपोर्टें सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करे.
मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होनी है.
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