नॉर्थ साउंड: ग्यारह साल पहले मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का लगाकर भारत को विश्व कप जिताया था और ठीक उसी अंदाज में दिनेश बाना ने इंग्लैंड के खिलाफ अंडर 19 विश्व कप फाइनल में छक्का लगाकर खिताब भारत की झोली में डाला.
कोरोना से लेकर बाकी छह टीमों तक भारत के अश्वमेधी अभियान को कोई नहीं रोक सका और एक बार फिर इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम ने अपने दबदबे पर मुहर लगा दी.
भारत की जीत के सूत्रधार रहे पांच विकेट लेने के बाद उम्दा बल्लेबाजी करने वाले राज बावा, बायें हाथ के तेज गेंदबाज रवि कुमार और जुझारू अर्धशतक जड़ने वाले निशांत सिंधू. इनके प्रदर्शन के दम पर भारत ने इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर रिकॉर्ड पांचवीं बार अंडर 19 विश्व कप जीत लिया.
टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे कामयाब टीम भारत ने इंग्लैंड को 44.5 ओवर में 189 रन पर आउट कर दिया था. बावा ने 9.5 ओवर में 31 रन देकर पांच विकेट लिये जबकि बायें हाथ के तेज गेंदबाज रवि कुमार ने 34 रन देकर चार विकेट चटकाये.
जवाब में भारत ने छह विकेट खोकर 14 गेंद बाकी रहते लक्ष्य हासिल कर लिया. एक समय पर भारत के चार विकेट 97 रन पर गिर चुके थे और आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक लगाने वाले कप्तान यश धुल 17 रन पर आउट हो गए लेकिन निशांत सिंधू (54 गेंद में नाबाद 50) और बावा ( 35 ) ने 67 रन की साझेदारी करके टीम को संकट से निकाला.
उपकप्तान शेख राशिद ने लगातार दूसरे मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 50 रन बनाये. आखिर में दिनेश बाना ने जेम्स सेल्स को लगातार दो छक्के जड़कर 48वें ओवर में ही भारत को लक्ष्य तक पहुंचा दिया.
इससे पहले इंग्लैंड को जेम्स रीयू (95) ने शर्मनाक स्कोर पर सिमटने से बचाया. भारत ने नियमित अंतराल पर विकेट चटकाये. इंग्लैंड के लिये रीयू और जेम्स सेल्स (नाबाद 34) ने आठवें विकेट के लिये 93 रन की साझेदारी की.
यश धुल की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने इंग्लैंड को दूसरे ही ओवर में झटका दिया जब रवि ने जैकब बेथेल (दो) को सस्ते में आउट किया. शुरुआती झटके के बावजूद जॉर्ज थॉमस ने राजवर्धन हंगरगेकर के अगले ओवर में एक छक्के और दो चौकों समेत 14 रन निकाले. रवि ने एक बार फिर भारत को सफलता दिलाते हुए इंग्लैंड के कप्तन टॉम प्रेस्ट को पवेलियन भेजा. प्रेस्ट खाता भी नहीं खोल सके और इंग्लैड के दो विकेट चौथे ओवर में 18 रन पर निकल गए.
रवि ने पहले दो ओवर में दो विकेट लिये.
दूसरे छोर पर थॉमस ने आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखते हुए रवि को दो चौके लगाये. हंगरगेकर ने पहले स्पैल में 19 रन दिये जिसके बाद भाारतीय कप्तान धुल ने गेंदबाजी में बदलाव किया. उन्हें कामयाबी भी मिल जाती लेकिन बावा की गेंद पर स्लिप में कौशल ताम्बे ने थॉमस का कैच छोड़ा.
इंग्लैंड को इस समय पर बड़ी साझेदारी की जरूरत थी लेकिन वह बन नहीं रही थी. बावा ने थॉमस को खराब शॉट खेलने पर मजबूर किया और गेंद कवर पर धुल के हाथों में गई.
इंग्लैंड का स्कोर 11वें ओवर में तीन विकेट पर 37 रन था. स्कोर 50 रन होने से पहले विलियम लक्सटन ने बावा की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे दिया. जॉर्ज बेल को बावा ने विकेट के पीछे दिनेश बाना के हाथों लपकवाया.
इसके बाद रेहान अहमद ने बावा की गेंद पर पहली स्लिप में ताम्बे को कैच दिया. आफ स्पिनर ताम्बे ने एलेक्स हर्टोन को धुल के हाथों लपकवाया. उस समय इंग्लैंड 100 रन से सात रन पीछे थी.
इसके बाद रीयू और जेम्स सेल्स ने पारी को संभााला.
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