नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत जी-20 देशों के समूह में इकलौता देश है जो अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की तरह ही पर्यावरणीय सुरक्षा को भी बराबर का महत्व दे रहा है.
मोदी ने कहा कि भारत ने विद्युत गतिशीलता की ओर कदम बढ़ा दिया है और रेलवे के 100 फीसदी विद्युतीकरण पर काम तेज गति से हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों के साथ ही देश ‘मिशन सर्कुलर इकोनमी’ पर भी काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने लाल किले पर अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा, ‘हमारी वाहन स्क्रैप नीति इसका बड़ा उदाहरण है. आज भारत जी-20 देशों में इकलौता देश है जो अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है.’
मोदी ने कहा कि भारत पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्र में मुखर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम राष्ट्रीय सुरक्षा की तरह ही पर्यावरणीय सुरक्षा पर भी बराबर जोर दे रहे हैं. चाहे जैव विविधता हो या भू-तटस्थता, जलवायु परिवर्तन हो या कचरा पुनर्चक्रण, जैविक खेती हो, भारत इन सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘भारत ने वन क्षेत्र या राष्ट्रीय उद्यानों, बाघों और एशियाई शेरों की संख्या बढ़ायी है तथा यह लोगों के लिए खुशी की बात है. साथ ही सभी को एक और सच्चाई समझनी होगी कि भारत आज ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्र नहीं है.’
उन्होंने कहा कि भारत ने ऊर्जा के आयात के लिए हर साल 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता वक्त की जरूरत है, भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक है.
मोदी ने कहा, ‘अत: भारत को आज एक संकल्प लेना होगा कि हम आजादी के 100 वर्ष पूरे होने से पहले देश को ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्र बनाएंगे और इसके लिए हमारी रूपरेखा स्पष्ट है. चाहे गैस पर आधारित अर्थव्यवस्था हो, देशभर में सीएनजी, पीएनजी का नेटवर्क, 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हो, भारत एक उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा है.’
उन्होंने बताया कि भारत ने इस दशक के अंत तक 450 गीगावॉट नवीनीकरण ऊर्जा का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा, ‘इसमें से भारत ने 100 गीगावॉट का लक्ष्य तय कर लिया है. ये प्रयास दुनिया को भी भरोसा दे रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का गठन इसका महान उदाहरण है.’
मोदी ने हरित हाइड्रोजन का लक्ष्य हासिल करने के लिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की भी घोषणा की. उन्होंने कहा, ‘हमें अमृत अवधि के दौरान भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और निर्यात का वैश्विक हब बनाना होगा. यह भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नयी प्रगति के मार्ग पर ले जाएगा तथा दुनियाभर में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए नयी प्रेरणा बनेगा.’
उन्होंने कहा कि भारत को अपना विनिर्माण और निर्यात दोनों बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले ही भारत ने पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का समुद्र में परीक्षण किया. उन्होंने कहा, ‘आज भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान, पनडुब्बी बना रहा है. गगनयान का अंतरिक्ष में भारत का ध्वज फहराना तय है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नीली अर्थव्यवस्था की ओर अपने प्रयासों को तेज करेगा. उन्होंने कहा, ‘डीप ओशियन मिशन समुद्र की असीमित संभावनाओं को तलाशने की हमारी महत्वाकांक्षा का परिणाम है. समुद्र में छिपी खनिज संपदा, समुद्र में तापीय ऊर्जा, देश के विकास को नयी ऊंचाइयां दे सकती है.’
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