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Tuesday, 7 May, 2024
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सोशल मीडिया पर कोविड-19 के बारे में गलत जानकारियां देने में भारत रहा नंबर-1 : स्टडी

अध्ययन में 138 देशों में प्रकाशित 9,657 गलत जानकारियों को शामिल किया गया. विभिन्न देशों में गलत सूचना के प्रसार और स्रोतों को समझने के लिए 94 संगठनों ने इनके तथ्यों की जांच की.

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नई दिल्ली: भारत में लोगों तक सबसे अधिक इंटरनेट की पहुंच, सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल और उपयोगकर्ताओं में इंटरनेट साक्षरता की कमी के कारण कोविड-19 के संबंध में सोशल मीडिया पर सबसे अधक गलत जानकारी दी गई. एक नए स्टडी में यह दावा किया गया है.

इस स्टडी का शीर्षक ‘प्रिवलेंस एंड सोर्स एनालाइसिस ऑफ कोविड-19 मिसइंर्फोमेशन इन 138 कंट्रीज’ था, जो ‘सेज इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ लाइब्रेरी एसोसिएशंस एंड इंस्टीट्यूशंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ.

स्टडी में 138 देशों में प्रकाशित 9,657 गलत जानकारियों को शामिल किया गया. विभिन्न देशों में गलत सूचना के प्रसार और स्रोतों को समझने के लिए 94 संगठनों ने इनके तथ्यों की जांच की.

स्टडी में कहा गया, ‘सभी देशों में से, भारत में सोशल मीडिया पर सबसे अधिक 18.07 प्रतिशत गलत जानकारी दी गई, जिसका कारण शायद देश की उच्च इंटरनेट पहुंच दर, सोशल मीडिया के इस्तेमाल में वृद्धि और उपयोगकर्ताओं में इंटरनेट साक्षरता की कमी है.’

परिणामों के आधार पर, स्टडी में कहा गया है, ऐसा माना जाता है कि कोविड-19 संबंधी गलत सूचना के प्रसार का वैश्विक महामारी की स्थिति के साथ संबंध हो सकता है.

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स्टडी में कहा गया, ‘सोशल मीडिया सबसे अधिक 84.94 प्रतिशत गलत जानकारी फैलाता है और इंटरनेट कोविड-19 संबंधी गलत जानकारी देने के लिए 90.5 प्रतिशत जिम्मेदार है. इनके अलावा, सोशल मीडिया मंचों में केवल फेसबुक के जरिए ही 66.87 प्रतिशत गलत जानकारी दी गई .’

इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेतावनी दी थी कि कोविड-19 के संबंध में गलत जानकारी फैल रही है और यह लोगों को खतरे में डाल रही है. डब्ल्यूएचओ ने लोगों से आग्रह किया था कि वे जो कुछ भी सुनते हैं, उसकी विश्वसनीय स्रोतों से दोबारा जांच करें.


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