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Sunday, 22 December, 2024
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भारतीय उद्योग जगत ने चीन के इंडियन ओसियन फोरम में भाग लिया, नई दिल्ली की आधिकारिक उपस्थिति रही गायब

मालदीव, ऑस्ट्रेलिया की सरकारों ने भी पिछले हफ्ते शी जिनपिंग सरकार द्वारा पहली बार आयोजित 'चाइना-इंडियन ओसियन रीजन डेवलपमेंट कोऑपरेशन फोरम' में आधिकारिक तौर पर भागीदारी करने से इनकार किया है.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार, पिछले हफ्ते, हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित देशों के लिए शी जिनपिंग सरकार द्वारा आयोजित एक सभा में भारत के व्यक्तिगत स्तर वाले प्रतिनिधियों और व्यापारियों ने भाग लिया. हालांकि, आधिकारिक रूप से भारत इस फोरम में शामिल नहीं हुआ.

यह चीनी सरकार द्वारा आयोजित अपनी तरह का पहला सम्मेलन था, जिसे बीजिंग द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रभाव क्षेत्र पर जोर देने के एक और प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. चीनी सरकार का यह प्रयास धीरे-धीरे एक तीव्र प्रतिस्पर्धा वाला क्षेत्र बनता जा रहा है, जो अमेरिका के नेतृत्व वाले देशों के साथ बने इंडो-पैसिफिक स्ट्रेटेजिक स्ट्रकचर (भारत प्रशांत रणनीतिक ढांचा), जिसका भारत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, के साथ इस क्षेत्र में दबदबे के लिए संघर्ष कर रहा है.

हालांकि चीन ने दावा किया कि आधिकारिक तौर पर ‘चाइना-इंडियन ओसियन रीजन डेवलपमेंट कोऑपरेशन फोरम'(चीन-हिंद महासागर क्षेत्र विकास सहयोग मंच)’ कहे जाने वाले और चाइना इंटरनेशनल डेवलपमेंट कोऑपरेशन  एजेंसी (चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी, सिडका) द्वारा आयोजित इस फोरम में 19 देशों ने भाग लिया, मगर मालदीव और ऑस्ट्रेलिया ने आधिकारिक रूप से इसमें अपनी उपस्थिति से इनकार किया है.

इस सम्मेलन का विषय ‘शेयर्ड डेवलपमेंट: थ्योरी एंड प्रैक्टिस फ्रॉम द पर्सपेक्टिव ऑफ़ द ब्लू इकॉनमी (साझा विकास: नीली अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य से सिद्धांत और व्यवहार) था.

आधिकारिक सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि, हालांकि इस सम्मेलन में भारत सरकार की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं था, पर यह संभव हो सकता है कि कुछ व्यक्तियों ने निजी रूप से इसमें भाग लिया हो.

चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत का प्रतिनिधित्व बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, 10 व्यवसायियों और कुछ शिक्षाविदों ने किया था.

‘बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ के अध्यक्ष सुबीर चक्रवर्ती ने 19 नवंबर की दोपहर को तीसरे चीन-दक्षिण एशिया सहयोग मंच के उद्घाटन समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित किया.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने 25 नवंबर को  कहा कि कुछ भारतीय शिक्षाविदों ने चीन-भारतीय महासागर क्षेत्र थिंकटैंक फोरम पर एक ब्रेकआउट (शुरूआती) कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी – अपनी टिप्पणी की. इस एक्सपो में दस भारतीय व्यवसायों ने भाग लिया.

इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सिडका के अध्यक्ष लुओ झाओहुई, जो चीन के वर्तमान उप-विदेश मंत्री भी हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, ‘चीन नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनमी) को विकसित करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित देशों के साथ सहयोग को मजबूत करेगा, क्षेत्र में जीडीआई (ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव या वैश्विक विकास पहल) के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाएगा, साझा विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेगा, सहयोग में तेजी लाएगा और एक साझा भविष्य वाले सामुद्रिक समुदाय के निर्माण के लिए मिलकर काम करेगा.’

गौरतलब है कि लुओ भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में चीन के पूर्व राजदूत रहे हैं.


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मालदीव, ऑस्ट्रेलिया द्वारा भागीदारी से इनकार

प्रेस को दिए अपने एक बयान में सिडका ने दावा किया था कि कुनमिंग, युन्नान प्रांत में आयोजित इस फोरम में भाग लेने वाले 19 देशों में इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोज़ाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती, ऑस्ट्रेलिया और साथ ही तीन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं.

हालांकि, रविवार को मालदीव और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने आधिकारिक क्षमता में इस सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया. दोनों देशों ने दावा किया कि उन्होंने अपनी सरकार के प्रतिनिधियों को वहां नहीं भेजा था, लेकिन कुछ व्यक्तियों ने अपनी निजी क्षमता से इस फोरम में भाग लिया.

मालदीव के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘मालदीव के व्यक्तियों या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गई भागीदारी, मालदीव सरकार द्वारा आधिकारिक प्रतिनिधित्व का मामला नहीं बनता है.’

इसमें कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय परंपरा के अनुसार मालदीव का प्रतिनिधित्व करने के लिए बैठकों, मंचों और सम्मेलनों हेतु आधिकारिक मान्यता,केवल राजनयिक चैनलों के माध्यम से होगी. इसलिए, इस खास बैठक के लिए मालदीव सरकार द्वारा कोई आधिकारिक प्रतिनिधित्व नहीं किया गया था.’

इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया ने भी कहा कि उसने कुनमिंग में आयोजित सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी सरकार के किसी अधिकारी को नहीं भेजा था.

भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ’फारेल ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘मीडिया की ख़बरों के विपरीत, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के किसी भी अधिकारी ने पर ‘चाइना -इंडियन ओसियन रीजन डेवलपमेंट कोऑपरेशन फोरम’ पर कुनमिंग में आयोजित सम्मेलन में भाग नहीं लिया है.’

ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ऑस्ट्रेलिया के सहायक विदेश मंत्री टिम वाट्स ने 24 नवंबर को बांग्लादेश में आयोजित इंडियन ओसियन रिम एसोसिएशन की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया था.

(अनुवाद: राम लाल खन्ना)

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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