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Tuesday, 7 May, 2024
होमविदेशचीन में प्रदर्शन को कवर कर रहे बीबीसी पत्रकार से पुलिस ने घंटों कैद में रखा, मारपीट का आरोप

चीन में प्रदर्शन को कवर कर रहे बीबीसी पत्रकार से पुलिस ने घंटों कैद में रखा, मारपीट का आरोप

बीबीसी ने कहा, ‘उनकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उन्हें पीटा और लात मारी. यह तब हुआ जब वह एक मान्यता प्राप्त पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे.’

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नई दिल्ली: चीन में कोरोना महामारी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच अपने पत्रकार को गिरफ्तार करने तथा मारपीट करने पर बीबीसी ने नाराजगी व्यक्त की है. बीबीसी पत्रकार को शंघाई में विरोध प्रदर्शन कवर करने के दौरान गिरफ्तार किया गया था और मारपीट की गई थी. पिछले कुछ दिनों से चीन के कई शहरों में सरकार की जीरो कोविड नीति के तहत लगाए गए लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है जिसे बीबीसी के पत्रकार द्वारा कवर किया जा रहा था.

बीबीसी ने अपने बयान में कहा, ‘हमारे पत्रकार एड लॉरेंस को पुलिस ने गिरफ्तार किया और पीटा. हम उनके इलाज के बारे में बेहद चिंतित हैं. उन्हें शंघाई में विरोध प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तार किया गया था. रिहा होने से पहले कई घंटों तक उन्हें कैद में रखा गया.’

पीटा और लात मारी

बीबीसी ने कहा, ‘उनकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उन्हें पीटा और लात मारी. यह तब हुआ जब वह एक मान्यता प्राप्त पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे.’

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बीबीसी ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि उनके एक मान्यता प्राप्त पत्रकार पर अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए इस तरह से हमला किया गया.

बीबीसी ने अपने बयान में आगे कहा, ‘हमारे पास चीनी अधिकारियों का कोई भी आधिकारिक स्पष्टीकरण या माफी नहीं है.’

‘जीरो कोविड नीति’ के खिलाफ प्रदर्शन

चीन के कई शहरों में कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए गए ‘जीरो कोविड नीति’ के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शन के दौरान लोग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.

यह प्रदर्शन चीन के शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में एक इमारत में आग लगने के बाद और तेज हो गया. इस आग में 10 लोगों की मौत हो गई थी. लोगों का मानना है कि सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण बचाव कार्य देर से शुरू हुआ और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. राजधानी बीजिंग से लेकर वित्तीय केंद्र शंघाई में लोग ‘जीरो कोविड नीति’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए भारी संख्या में लोग शोक मनाने के लिए एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. रविवार शाम तक दर्जनों विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों ने प्रदर्शन किया या विरोध पोस्टर लगाए.


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