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Sunday, 22 December, 2024
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पंजाब में 1291 में से 891 निजी अस्पतालों में नहीं लगा एक भी कोविड टीका, 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज बंद

कोविड-19 के लगातार बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कल यानी शनिवार से पूरे राज्य में कई तरह के रोक लगाने का भी आदेश दिया है. स्कूलों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है और सिनेमा हॉल या माल में जाने वालों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है.

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चंडीगढ़: सरकार भले ने कोरोना वायरस से निजात पाने और इस खतरे से लोगों को बचाने के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम चला रही है लेकिन पंजाब में कई प्राइवेट अस्पताल इस बात को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. यह बात पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई रिव्यू मीटिंग में खुल कर सामने आई. इस मीटिंग में पता चला कि राज्य में कोविड 19 टीकाकरण के लिए पंजीकृत कुल 1291 अस्पतालों में से 891 अस्पतालों ने एक भी टीका किसी को नहीं लगाया.

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है साथ ही कहा कि कोविड-19 से सरकार की लड़ाई में निजी अस्पतालों को भी साथ देना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग को उन्होंने निर्देश दिया कि निजी अस्पतालों द्वारा वैक्सीनेशन की दर को प्रकाशित किया जाना चाहिए और इसके लिए किसी भी तरह से ज्यादा पैसे लिए जाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

साथ ही कोविड-19 के लगातार बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कल यानी शनिवार से पूरे राज्य में कई तरह के रोक लगाने का भी आदेश दिया है. स्कूलों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है और सिनेमा हॉल या माल में जाने वालों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है.

मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज को छोड़कर सारे शैक्षणिक संस्थान 31 मार्च तक बंद रहेंगे. वहीं सिनेमा हॉल में 50 फीसदी या 100 से अधिक व्यक्ति एक साथ एक समय में नहीं जा सकेंगे. उन्होंने अगले दो हफ्तों तक लोगों से सोशल ऐक्टिविटी में कम से कम शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि घरों में 10 से ज्यादा मेहमानों को न बुलाया जाए.

यही नहीं कांग्रेस अगले दो हफ्तों तक किसी तरह के राजनीतिक रैली भी नहीं करेगी जिसमें भीड़ इकट्ठा हो. इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने की. साथ ही उन्होंने दूसरी राजनीतिक पार्टियों से भी अपील की कि वे भी कुल क्षमता के 50 फीसदी तक ही भीड़ इकट्ठा करें. उन्होंने कहा कि यह संख्या बंद स्थान में 100 व खुले स्थान में 200 तक सीमित होनी चाहिए. वहीं जिन जिलों में कोविड-19 का प्रभाव ज्यादा है वहां पर ऐसा जमावड़ा नहीं लगाना चाहिए.

स्वास्थ्य कर्मियों से टेस्टिंग को बढ़ाकर रोज़ाना 35 हज़ार करने का निर्देश दिया गया. साथ ही यह भी कहा कि फोकस ज्यादा फैलाने वाले, सरकारी कर्मचारियों व शैक्षणिक संस्थानों के टीचर्स पर होगा. उन्होंने कहा कि इनकी जांच लगातार होनी चाहिए.


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