नई दिल्ली: भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे ने अगले सेमेस्टर की पढ़ाई ऑनलाइन कराने का फैसला लिया है. कोरोना महामारी के कारण आईआईटी बॉम्बे पहला आईआईटी है जिसने यह निर्णय लिया है.
आईआईटी दिल्ली भी आने वाले सेमेस्टर को पूरी तरह से ऑनलाइन करने पर काम कर रहा है और छात्रों को अब दिसंबर में कैंपस बुलाने पर गौर कर रहा है. हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर संस्थान ने कोई घोषणा नहीं की है.
आईआईटी बॉम्बे के निदेशक सुभाशीष चौधरी ने बुधवार रात को इसकी जानकारी अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर दी.
उन्होंने लिखा, ‘सिनेट में लंबी चर्चा के बाद, हमने आज फैसला लिया है कि अगला सेमेस्टर पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में चलेगा ताकि छात्रों की सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता न हो.’
आर्थिक तौर पर कमजोर तबके से आने वाले छात्रों के लिए चौधरी ने दान की अपील की.
उन्होंने लिखा, ‘हमारे छात्रों के लिए नया अकादमिक सत्र शुरू हो ये सुनिश्चित करने के लिए बिना किसी देरी किए, हम ऑनलाइन कक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. कुछ समय में इसकी जानकारी सभी छात्रों को दे दी जाएगी.’
उन्होंने लिखा, ‘हालांकि बड़ी तादाद में हमारे छात्र आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों से आते हैं और उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं के लिए मदद की जरूरत पड़ेगी. हम इन शानदार युवा दिमागों को बिना किसी बाधा या देरी के अपनी शिक्षा जारी रखने में मदद करने के लिए आपके समर्थन की आशा करते हैं.’
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आईआईटी दिल्ली भी इस तरफ बढ़ सकता है
कोरोना महामारी के मद्देनज़र सभी आईआईटी छात्रों को कैंपस में देरी से बुलाने पर विचार कर रहे हैं. जो संस्थान ऑनलाइन कक्षाएं करा सकती हैं वो इसके लिए तैयारी कर रही है.
बुधवार को, कोरोना के संक्रमित मामलों की संख्या के मामले में दिल्ली ने मुंबई को पीछे छोड़ दिया. दिल्ली में 3,788 नए मामले बुधवार को दर्ज किए गए. गुरुवार की सुबह तक दिल्ली में 70,390 मामले हो चुके हैं जिनमें से 26,588 सक्रिय मामले हैं.
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने दिप्रिंट को बताया, ‘यह लगभग तय है कि हम नया सेमेस्टर ऑनलाइन शुरू करेंगे. सैद्धांतिक (थ्योरी) वाले हिस्से को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा वहीं प्रैक्टिकल्स को छात्रों के कैंपस में आने के बाद कराया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में मामलों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए छात्रों को कैंपस में बुलाना संभव नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘पीएचडी के छात्रों को जब भी कुछ प्रैक्टिकल या रिसर्च से जुड़े काम करने होंगे, वो कैंपस आएंगे. हम सोच रहे हैं कि फ्रेशर्स इस साल दिसंबर में ही कैंपस में आ पाएंगे.’
संस्थान आईआईटी परिषद की बैठक के बाद अंतिम फैसला लेगा, जो इस सप्ताह होगी. अन्य आईआईटी भी अकादमिक वर्ष के लिए अपनी योजना तय करेंगी.
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