scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमदेश‘हम मंदिर नहीं बनाएंगे तो कौन बनाएगा’- PM के काशी मॉडल की तर्ज पर मथुरा का विकास करना चाहते हैं : श्रीकांत शर्मा

‘हम मंदिर नहीं बनाएंगे तो कौन बनाएगा’- PM के काशी मॉडल की तर्ज पर मथुरा का विकास करना चाहते हैं : श्रीकांत शर्मा

यूपी के ऊर्जा मंत्री और मथुरा के विधायक श्रीकांत शर्मा का कहना है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भाजपा की वैचारिक प्रतिबद्धता है, लेकिन उसने अपना पूरा ध्यन विकास पर केंद्रित कर रखा है. साथ ही उन्होंने बिजली क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं.

Text Size:

मथुरा: मथुरा विधानसभा सीट से फिर चुनाव लड़ रहे उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भाजपा के लिए एक वैचारिक प्रतिबद्धता है, लेकिन विकास राज्य विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा है.

शर्मा ने दिप्रिंट से बातचीत के दौरान राज्य की भाजपा सरकार की पिछले पांच वर्षों की तमाम उपलब्धियां गिनाईं और दावा किया कि यूपी अब बिजली आपूर्ति, बुनियादी ढांचे और कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए जाना जाता है.

मंत्री ने कहा कि मथुरा को ‘काशी मॉडल के आधार पर’ विकसित करना भाजपा के एजेंडे में सबसे ऊपर है. ‘काशी मॉडल’ शब्द का इस्तेमाल यूपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का संदर्भ में किया जाता है, जिसे प्रधानमंत्री ने विकास का एक उदाहरण बताया है और जो धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देता है.

‘विकास और वैचारिक प्रतिबद्धता पर ध्यान देना होगा’

श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, यूपी चुनाव में भाजपा के लिए केंद्रीय विषय ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के नारे में निहित है. साथ ही इस पर भी जोर दिया कि यह सिद्धांत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ चलता है.

शर्मा ने कहा, ‘हम सनातनी हैं. हम मंदिर नहीं बनाएंगे तो और कौन बनाएगा? लेकिन जब सनातनी सत्ता में होते हैं तो वे 20 प्रतिशत या 80 प्रतिशत (आबादी) की राजनीति नहीं करते हैं. हमारी योजनाओं के जरिये सभी को बिजली, वैक्सीन, राशन, आयुष्मान भारत कार्ड मिल रहे हैं.
शर्मा का कहना है कि यदि वह मथुरा, जिसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है, से फिर चुने जाते हैं तो ‘काशी मॉडल’ अपनाएंगे और धार्मिक स्थलों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का भी विकास करेंगे.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

मंत्री ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने काशी मॉडल दिया है. हम काशी मॉडल की ही तर्ज पर मथुरा का विकास करेंगे. हम बांके बिहारी जी मंदिर के गर्भगृह को पूरी भव्यता के साथ विकसित करेंगे. यमुना जी की सफाई भी हमारी प्राथमिकता है. हमें विकास और वैचारिक प्रतिबद्धता दोनों पर ध्यान देना होगा.’

‘हमने बिजली दरें आधी कर दीं’

बिजली मंत्री ने यूपी में खेती के लिए बिजली दरें 50 प्रतिशत घटाने की ओर ध्यान आकृष्ट किया, जिसकी घोषणा इसी साल जनवरी के पहले हफ्ते में की गई थी.

शर्मा ने कहा, ‘हमने किसानों के लिए बिजली की दरें आधी कर दी हैं. पहले किसानों को 170 रुपये प्रति हॉर्सपावर देना पड़ता था लेकिन उन्हें अब केवल 84 रुपये प्रति एचपी देना होगा. पहले नियमित आपूर्ति नहीं होती थी, किसान सर्दियों में खेत में पहुंच जाते थे और बिजली नदारत हो जाती थी. फिर वे पूरी रात ठंड में बिजली के इंतजार में गुजारते. अब हमने 10 घंटे, खासकर किसानों के लिए सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है.’

उन्होंने राज्य की पिछली समाजवादी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा. मंत्री ने दावा किया, ‘अखिलेश यादव सरकार ने टैरिफ में 61 फीसदी की वृद्धि की थी. हमने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति 54 फीसदी बढ़ाई की है. चौधरी चरण सिंह और दीनदयाल उपाध्याय ने किसानों और मजदूरों के लिए जो सपने देखे थे, हम उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. हम किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास भी कर रहे हैं.’

शर्मा के मुताबिक, यूपी के सभी 75 जिलों को अब समान रूप से बिजली की आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पिछली सरकारें ‘केवल चार जिलों’ पर ही ध्यान देती थीं.

उन्होंने राज्य के विकास का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया और कहा, ‘यूपी अब सरप्लस बिजली वाला राज्य है. आने वाले दो सालों में हम बिजली क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बेहतर ढंग से विकसित करने और 24 घंटे आपूर्ति के लक्ष्य के साथ काम करेंगे.


यह भी पढ़ें : ‘सब बा’, ‘का बा’ से लेकर ‘यूपी में बाबा’ तक, UP चुनाव में कैसे गानों के जरिए वोटर्स को साधने की हो रही कोशिश


‘ये तो सिर्फ ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है’

भाजपा के सोशल मीडिया अभियान, जो एक तरह से ध्रुवीकरण की ओर संकेत करता है, के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि इस तरह की धारणाओं के लिए पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

शर्मा ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर कौन क्या पोस्ट करता है ये हमारे हाथ में नहीं है. लेकिन हां, जनता को याद होना चाहिए कि पिछली सरकारों के दौरान क्या हुआ करता था. महिलाएं कहा करती थीं कि जिस गाड़ी में है लाल झंडा, उसमे बैठा सपा का गुंडा. यह बात कोई हमने नहीं कही, यह राज्य में एक आम धारणा थी.’ साथ ही दावा किया कि यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है.

शर्मा ने कहा, ‘पहले रात आठ बजे, यूपी में कर्फ्यू जैसी स्थिति होती थी. अब लोग बेझिझक यात्रा करते हैं, महिलाएं और व्यवसायी सुरक्षित हैं.’

आपराधिक रिकॉर्ड वाले भाजपा नेताओं के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, ‘अगर किसी को कोई आपत्ति है, तो वे कोर्ट जा सकते हैं. देश में कानून-व्यवस्था कायम है.’

इसी साल जनवरी में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान जैसे कैबिनेट मंत्रियों के पार्टी छोड़ने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि वह उन लोगों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते जो जा चुके हैं.

शर्मा ने कहा, ‘कई लोग भाजपा में भी आ रहे हैं. हम राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और यूपी के नागरिकों ने मन बना लिया है कि वे प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ की सरकार चाहते हैं. ये तो सिर्फ ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है.’

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

share & View comments