नई दिल्ली: मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को 3 अप्रैल तक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में भेज दिया गया है. गुरुवार को संजय वाजे को स्पेशल एनआईए कोर्ट लाया गया. पेशी के दौरान निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने स्पेशल एनआईए कोर्ट के सामने कहा कि उसे ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है.
मुकेश अंबानी के घर अंटालिया के पास कार में मिले विस्फोटक मामले में एनआईए द्वारा की गई जांच में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वजे का नाम आया था. सचिन वाजे ने एनआईए अदालत को बताया, ‘ मुझे बलि का बकरा बनाया गया है, मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं.’
मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को 3 अप्रैल तक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) की हिरासत में भेजा गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 25, 2021
यूएपीए के तहत भी आरोप लगाए
बुधवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने एंटीलिया के पास से विस्फोटक मिलने के मामले में सचिन वाजे के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं भी लगाई हैं.
मुंबई में 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के निकट एक कार से विस्फोटक बरामद हुए थे. इस मामले में वाजे एनआईए की हिरासत में हैं.
सूत्रों के अनुसार मुंबई पुलिस में सहायक निरीक्षक वाजे पर यूएपीपीए की धारा 16 और 18 के तहत आरोप लगाए गए हैं.
एनआईए ने वाजे की हिरासत खत्म होने से एक दिन पहले यह कदम उठाया है. एजेंसी उस कार के मालिक मनसुख हिरन की हत्या के मामले की भी जांच कर रही है. इस बीच, ठाणे की एक अदालत ने बुधवार को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते को हिरेन की मौत के मामले की जांच को रोकने और मामले से संबंधित रिकॉर्ड तत्काल एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया है.
हिरेन का शव पांच मार्च को ठाणे में एक नहर से मिला था.
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 20 मार्च को इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी. लेकिन एटीएस की जांच भी जारी थी. एटीएस ने दो दिन पहले दावा किया था कि उसने हिरन की मौत की गुत्थी सुलझा ली है. वहीं, एएनआईए ने हिरेन की हत्या के मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों को बुधवार शाम हिरासत में ले लिया.
एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने दोनों निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और क्रिकेट सटोरिया नरेश गौड़ को हिरासत में लिया.
अधिकारी ने कहा, ‘एनआईए के सात से आठ अधिकारी यहां एटीएस के दफ्तर में पहुंचे और दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया.’एटीएस ने शिंदे और गौड़ को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था.
एक अधिकारी ने बताया कि इस बीच, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के डीसीपी पराग मनेरे शाम में एनआईए के कार्यालय में पहुंचे.
बहरहाल, दक्षिण मुंबई में एजेंसी के कार्यालय में उनके जाने के कारणों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप एवं सचिन वाजे प्रकरण के मद्देनजर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
अठावले की राष्ट्रपति से यह मुलाकात नयी दिल्ली में हुई.
मुलाकात के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय समाजिक न्याय राज्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन दिया है और उनसे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध किया हैं. उन्होंने मेरी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है.’’
उन्होंने कहा, ‘ एक पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने उद्योगपति (मुकेश अंबानी) के आवास के पास विस्फोटक रखा जबकि गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य दिया. राज्य में यह गंभीर स्थिति है.’
अठावले ने कहा कि देशमुख के खिलाफ जांच होनी चाहिए क्योंकि वह इस समय संदेह के दायरे में हैं.
उल्लेखनीय है कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे आठ पन्ने के पत्र में देशमुख पर वसूली का लक्ष्य देने का सनसनीखेज आरोप लगाया था.
वहीं मुंबई पुलिस में अधिकारी वाजे को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 25 फरवरी को अंबानी के आवास के पास खड़े एक वाहन से विस्फोटक मिलने के मामले में गिरफ्तार किया है.
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