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Friday, 3 May, 2024
होमदेशअंबानी धमकी मामला: SUV मालिक की अटॉप्सी से पता चला- वह ‘निर्वस्त्र’ था, चेहरे पर 4 घाव और आंखें सूजी थीं

अंबानी धमकी मामला: SUV मालिक की अटॉप्सी से पता चला- वह ‘निर्वस्त्र’ था, चेहरे पर 4 घाव और आंखें सूजी थीं

मुकेश अंबानी के घर के पास मिली विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मौत के कारणों पर 'रसायनिक विश्लेषण रिपोर्ट का इंतजार' किया जा रहा है.

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मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर के बाहर छोड़ी गई विस्फोटक भरी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि शव बरामद होने से 12 से 24 घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी. उन्हें ‘निर्वस्त्र’ पाया गया था और चेहरे पर चोट के चार निशान थे. हालांकि, इस रिपोर्ट में उनकी मौत के कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है.

दिप्रिंट द्वारा हासिल की गई इस रिपोर्ट में मौत के संभावित कारण वाली जगह पर लिखा है कि ‘इस पर रसायनिक विश्लेषण रिपोर्ट आने तक राय को टाल दिया गया है.’

एक विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट यह भी नहीं बताती है कि क्या मौत डूबने के कारण हुई थी और यह बात डायटॉम टेस्ट किए जाने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी.

48 वर्षीय हिरेन को 5 मार्च को मुंब्रा क्रीक में मृत पाया गया था, उनके मुंह में रूमाल ठुंसे हुए थे. पत्नी विमला हिरेन ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की गई है, उन्होंने आत्महत्या नहीं की जैसा कि पुलिस ने दावा किया है. पुलिस को दिए अपने बयान में विमला ने आरोप लगाया है कि उसे ‘पक्का संदेह’ है कि उनके पति की हत्या के पीछे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का हाथ है.

हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के चार निशानों के अलावा किसी अन्य आंतरिक या बाहरी चोट का जिक्र नहीं किया गया है- इसमें से दो निशान चेहरे पर बाईं ओर, एक नाक पर बाईं तरफ और एक दायें गाल पर है.

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रिपोर्ट में बताया गया है कि शव सड़ने लगा था, उसकी आंखें सूजकर बाहर निकल आई थीं और उसके ‘पिछले हिस्से की खाल उतरने लगी थी.’ इसके अलावा ‘नाक के नथुनों से खून के साथ बदबूदार तरल पदार्थ बह रहा था.’

ऑटो पार्ट्स डीलर हिरेन 26 फरवरी को एंटीलिया के बाहर छोड़ी गई स्कॉर्पियो का मालिक था.

मुंबई पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान, उन्होंने दावा किया था कि 17 फरवरी को कार लेकर ठाणे से मुंबई जा रहे थे लेकिन मुलुंड टोल नाके के पास इसमें खराबी आ गई थी.

उन्होंने पुलिस को बताया कि इसके बाद कार वहीं छोड़ दी और कैब लेकर घर आ गए. अगले दिन जब वह वापस लौटे तो उसकी कार गायब थी और उसने विक्रोली पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई थी.

उनकी पत्नी ने यह आरोप भी लगाया है कि कार तीन महीने तक सचिन वाजे के पास थी और पुलिस अधिकारी उस दिन भी हिरेन से मिला था जिस दिन ऑटो पार्ट्स डीलर लापता हुआ था.

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को हिरेन की मौत की जांच पूरी होने तक वाजे को मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया शाखा से हटाने की घोषणा की थी.


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रसायनिक परीक्षण के लिए विसरा सुरक्षित रखा

डूबने से मौत को स्पष्ट करने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नाखूनों के भीतर या त्वचा और पैरों में रेत या मिट्टी मिलने का कोई उल्लेख नहीं है.

रसायनिक विश्लेषण के लिए पेट, लिवर, रक्त, नाखूनों के टुकड़े, खोपड़ी से विसरा सुरक्षित रख लिया गया है. हड्डियों के कुछ हिस्सों को डायटॉम टेस्ट के लिए संरक्षित कर लिया गया है— यह टेस्ट ये पता लगाने में अहम भूमिका निभाता है कि क्या मौत डूबने के कारण हुई है.

एक फोरेंसिक विशेषज्ञ ने बताया, ‘एक डायटम परीक्षण यह पता लगाने में मदद करता है कि क्या मौत डूबने की वजह से हुई. डायटॉम एककोशिकीय शैवाल के रूप में पानी में मौजूद होते हैं जहां डूबने से मौत की घटना हुई होती है और जब सांस के साथ पानी फेफड़ों, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में घुस जाता है तो पानी में मौजूद डायटम भी उसके साथ शरीर में पहुंच जाते हैं.’

उन्होंने बताया, ‘अगर शरीर के अंदर पाए गए डायटॉम उस जगह के पानी से मेल खाते हैं जहां शव पाया गया था तो इसे डूबने से मौत के पुष्ट या निर्णायक साक्ष्य के तौर पर माना जा सकता है.’

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिरेन के हाथ ‘पानी में रहने से सड़ गए’ थे और ‘शरीर कई जगह कीचड़ से सना हुआ था और नाखून नीले पड़ चुके थे.’ इसमें यह भी कहा गया है कि ऊपरी तौर पर गोपनीय अंगों में कोई चोट नहीं थी.

एक दूसरे फोरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा, ‘इससे पता चलता है कि शरीर आठ से नौ घंटे तक पानी के अंदर रहा होगा. ये सड़ना शुरू हो गया था. हाथों की स्थिति वॉशरवुमन वाली थी जिसमें आम तौर पर जब कोई लंबे समय तक अपने हाथ पानी में रखता है तो अंगुलियों में झुर्रियां पड़ जाती है और उनकी खाल चिटकने लगती है.’

उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट करता है कि वह लंबे समय तक पानी के अंदर रहा था. त्वचा छिलने की वजह भी शव का सड़ना ही लग रहा है. चोट के निशान किसी नुकीली या खुरदुरी जगह से टकराने के कारण हो सकते हैं.’


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सिर में चोट नहीं, फेफड़े, दिल पर भी असर नहीं

रिपोर्ट के अनुसार हिरेन के शरीर में सिर, खोपड़ी या मस्तिष्क पर किसी तरह की चोट नहीं पाई गई है.

इसके अलावा पसलियां, कार्टिलेज भी सही सलामत थे और इसलिए कंठ नलिका, श्वास नली और ब्रोन्काई पर भी कुछ असर नहीं पड़ा था, हालांकि, शव सड़ना शुरू हो जाने के कारण ये भूरे लाल हो गए थे.

बाएं और दाएं दोनों फेफड़े, हृदय और वाहिकाएं भी ठीक स्थिति में थीं. रिपोर्ट में फेफड़ों या पेट में पानी भर जाने का कोई जिक्र नहीं किया गया है, जिसकी विशेषज्ञों के मुताबिक डूबने के मामले में अत्यधिक संभावना रहती है. हालांकि, ऐसा होना जरूरी नहीं है.

पेट में अपघटित अवस्था में गैसें मौजूद थी और एब्डॉमिन कैविटी में कोई तरल पदार्थ या रक्त नहीं पाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, छोटी और बड़ी आंत, अग्न्याशय, स्पीलीन, किडनी भी शव के ‘सड़ना शुरू हो जाने के कारण नरम’ पड़ गए थे.

पहले विशेषज्ञ ने कहा, ‘यह फिर से यही पुष्ट करता है कि शरीर बहुत लंबे समय तक पानी के अंदर रहने के कारण सड़ने लगा था. मौत डूबने के कारण हुई या नहीं, यह डायटॉम टेस्ट होने और उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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