नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के दौर में तबलीग़ी जमात के मरकज़ में बड़ी संख्या में शामिल हुए लोगों और उन के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचने से संक्रमण के बड़े खतरे के समाचारों के बीच देश के मुस्लिम दाऊदी बोहरा समाज ने एक बड़ी मिसाल कायम की है. न केवल समुदाय ने पहली बार दाऊदी बोहरा समाज की वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए अपने कम्युनिटी किचन बंद किए बल्कि ऑनलाइन नमाज़, मस्जिदों को बंद करना, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन और बोहरा समाज के स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान पर जोर दे कर मिसाल कायम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश के सभी धर्मगुरुओं के साथ वीडियो कांफ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंने बोहरा समाज से किचन को फिर से शुरु करने की अपील की थी ताकि आपदा के समय तमाम लोगों का पेट भरा जा सके. समाज भी जरुरतमंद लोगों की मदद के लिए रसोई घर खोलना चाह रहा है, हालांकि इसे शुरु करने से पहले वह स्थानीय प्रशासन से मंजूरी लेना चाहता है. कुछ जगह मंजूरी के बाद किचन शुरू भी हो गए है.
इससे पहले इस समाज द्वारा चलाए जाने वाले कम्युनिटी किचन हमेशा अपनी व्यवस्था के अनुसार ही चुनिंदा दिनों के लिए बंद होते रहे हैं. यह पहला मौका है जब किचन इतने लंबे समय के लिए बंद हुआ है. इससे पहले देश में आई कई आपदाओं के समय बोहरा समाज के इन किचन के माध्यम से जरुरतमंद लोगों को खाना पहुंचाया जाता रहा है.
Shahzada Q Ezzuddin interacted with shri @narendramodi ji today, alongside reps of other religious & social welfare organisations,on how to collectively fight this pandemic
The Dawoodi Bohra community is happy to serve our country & humanity wholeheartedly in this hour of crisis pic.twitter.com/4LNN7uCrdn
— The Dawoodi Bohras (@Dawoodi_Bohras) March 30, 2020
8 साल पहले शुरु हुआ था कम्युनिटी किचन
बोहरा मुस्लिमों की ही एक जाति है, जो शिया संप्रदाय के अंतर्गत आती है. बोहरा समुदाय की पहचान समृद्ध, संभ्रांत और पढ़े लिखे समुदाय के तौर पर होती है. इस समुदाय के ज्यादातर लोग व्यापार आदि में संलग्न रहते हैं. दाऊदी बोहरा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में बसते हैं. पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अलावा अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दुबई, इराक, यमन, साउथ ईस्ट एशिया के अलावा ईस्ट अफ्रिका में भी इस समुदाय की संख्या अच्छी तादात में है. पूरे विश्व में बोहरा समाज के तकरीबन 10 लाख लोग हैं. वहीं भारत में करीब 4 लाख लोग रहते हैं.
दाऊदी बोहरा समाज ने 2012 में कम्युनिटी किचन की शुरुआत की थी. समाज के लोगों ने तय किया था कि अमीर और गरीब का पहनावा और खान-पान एक-सा होगा. इसी उद्देश्य से 2012 से समाज में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था शुरू हुई. वहीं हर घर में एक वक्त का भोजन पहुंचाने की योजना शुरू हुई, जिसे नाम दिया गया ‘फैज-उल मवाइद अल-बुरहानिया (एफएमबी).’
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मुंबई के कम्युनिटी किचन में सेवा देने वाली खतीजा अलियासघर ने दिप्रिंट से कहा, ‘सबके लिए एक समान भोजन का विचार धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब का था, जिसका क्रियान्वयन उनके वारिस डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने करवाया. सैयदना साहब का मानना था कि कोई व्यक्ति भूखा न सोए. यही सोच एफएमबी का आधार बनी. किसी भी गरीब व्यक्ति के स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे इसलिए इसमें पूरे समाज को शामिल किया गया है. समाज इससे पहले एक समान पहनावे को भी अपना चुका है.
उन्होंने बताया, ‘समाज की महिलाओं को एक समय किचन से छुट्टी दिलाने और घर के अलावा वे दूसरे काम भी कर सके इसलिए भी यह शुरू किया गया है. टिफिन व्यवस्था का सीधा फायदा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को होता है. जिनके लिए एक समय के खाने का खर्च घट गया है.’
बोहरा समाज कमेटी के वरिष्ठ सदस्य अब्देली भानपुरावाला (कोठारी) ने दिप्रिंट से कहा, ‘दाऊदी बोहरा समुदाय द्वारा समाज के सभी लोगों के घर में एक माह का कच्चा अनाज पहुंचा दिया गया है. ताकि समाज जन को खाने के मामले में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. इस संकट की घड़ी में किसी भी शहर में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे इस दिशा में काम करते हुए हमने समाज के लोगों के घरों में तैयार हुए भोजन के पैकेट को जरुरतमंद व्यक्तियों तक पहुंचाया जा रहा है. वहीं लोगों को सूखा अनाज भी वितरित किया जा रहा है.’
घर पर अदा करें नमाज़, मस्जिदों में नहीं जाएं
समाज में पहली बार इबादत के तरीके में भी बदलाव किया गया है. मस्जिदें भी बंद कर दी गई हैं. समाज के लोगों को मोबाइल पर लिंक भेजकर ऑनलाइन मजलिस के जरिए कुरान के संदेश पहुंचाए जा रहे हैं.
इसके अलावा बोहरा समाज की संस्था द्वारा समाज की महिलाओं को ई-लर्निंग के जरिए मास्क बनाना सिखाया जा रहा है. देश के कई शहरों में तैयार हो रहे यह मास्क जरुरतमंद लोगों को दिए जा रहे है. मुंबई, नागपुर, कलकत्ता और सूरत में मास्क वितरण भी शुरू हो गया है.
During these challenging times of the #covid19outbreak, Dawoodi Bohra volunteers across cities are doing their bit to fight hunger by providing cooked meals and dry ration to those in need.
Together we all will see this through!#FightagainstCoronavirus#FightagainstHunger pic.twitter.com/sJBkG4a2MX
— The Dawoodi Bohras (@Dawoodi_Bohras) March 29, 2020
अब्देली भानपुरावाला (कोठारी) के अनुसार, ‘इस महामारी से निपटने के लिए हमने समाजजन से सामाजिक दूरियों को बनाए रखने की अपील की है. इसके अलावा सभी मस्जिद और दरगाह को बंद कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी सूचना के बाद हमने भी कोरोनावायरस को लेकर समुदाय के सदस्यों को शिक्षित किया. सभी से घरों में रहकर मानवता के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की है.’
बोहरा समाज कमेटी के सदस्य मुर्तजा सदरीवाला ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने सभी समाज जन से कहा कि गैर-जरूरी यात्रा को रोक दें. सामाजिक दूरी बनाकर रखें. अगर अस्वस्थ हैं तो सावर्जनिक स्थान और सार्वजनिक समारोह में जाने से बचे. सभी से अपने घर पर ही नमाज अदा करने के लिए और मस्जिद में नहीं जाने के लिए कहा गया है. पूरे विश्व में बोहरा समाज के 10 लाख लोग हैं. वही भारत में करीब 4 लाख लोग हैं. सभी के लिए रोज रात पौने दस बजे से सवा दस बजे तक ऑनलाइन मजलिस की जा रही है. सभी को अपने घर में भी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मजलिस के लिए कहा गया है. समाज ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि सभी सतर्क रहें. सरकार के निर्देशों का पालन करें. वह स्वयं को या दूसरों को जोखिम में डाले बिना जरूरतमंदों की क्षमता के मुताबिक मदद करें’.
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अब्देली भानपुरावाला के मुताबिक, ‘पूरे देश में स्थानीय राज्य सरकारों के निर्देश के बाद समाज ने मुंबई में बद्री महल में समुदाय का मुख्य कार्यालय, सभी राज्यों की स्थानीय मस्जिद, कार्यालय, धार्मिक स्थल जैसे मकबरे के अलावा समुदाय द्वारा प्रशासित स्कूल और कॉलेज को बंद कर दिया है. सभी कक्षाएं भी ऑनलइान आयोजित हो रही है. सामुदायिक रसोई और सामुदायिक भोजन कक्ष भी बंद कर दिए हैं. ये सभी सरकार के अगले निर्देशों तक बंद ही रहेंगे. समाज में करीब 22 सौ डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को भी सभी की मदद के लिए कहा गया है. हमारे करीब 15 अस्पताल और विभिन्न शहरों में सैफी एम्बुलेंस भी लोगों की मदद के लिए लगी हुई है.’
बोहरा समाज मध्य प्रदेश की जनसंपर्क समिति के सदस्य फिरोज अली साईकलवाला ने दिप्रिंट से कहा, ‘बोहरा समाज के धर्मगुरु के आदेशानुसार मध्य प्रदेश का बोहरा वर्ग भी इन दिनों स्थानीय शासन और प्रशासन के सहयोग से पूरी ताकत के साथ बोहरा समाज ओर अन्य समाज की मदद में लगा हुआ है. वहीं हर समाजजन को फोन कर उनके हालचाल भी लिए जा रहे है.’
We are proud to be INDIAN and also we are proud that we belong to the Dawoodi Bohra Community..