नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर उतरे, उन्होंने “जय श्री राम” के नारे लगाए, हनुमान चालीसा का पाठ किया और पुतले और तख्तियां लहराईं, जिन पर लिखा था, “हिंदुओं पर हमला” करने वाले कट्टर जिहादियों को जेल में बंद करो.”
बजरंग दल की दिल्ली शाखा की तिलक जिला इकाई से जुड़े मिथिलेश वर्मा ने कहा, “उन्होंने नूंह में हमारे हिंदू भाइयों को मार डाला और लंबे समय से हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं.”
सुभाष नगर में आयोजित विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे वर्मा ने कहा, “जब भी हमारी यात्रा होती है, वो हंगामा करते हैं और हम पर हमला करते हैं. यह सब हिंदुओं को डराने के लिए पूर्व नियोजित है, लेकिन हम डरेंगे नहीं. हम जवाबी लड़ाई लड़ेंगे. यह सिर्फ हमारी ताकत का प्रदर्शन है.”
पुलिस की मौजूदगी के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 23 स्थानों पर इसी तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि हिंदुत्व समूहों द्वारा कोई आधिकारिक लिखित अनुमति नहीं मांगी गई थी, केवल पहले “सूचना” दी गई थी.
नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करते हुए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बल को “सूचना मिली है कि प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे और नूंह और गुरुग्राम में घटनाओं के मद्देनज़र शहर हाई अलर्ट पर है”.
अधिकारी ने कहा, “सुरक्षा बल — पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) — को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है.”
इस हफ्ते की शुरुआत में हरियाणा में हुई सांप्रदायिक झड़पों के मद्देनज़र एनसीआर के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा के बावजूद विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी. गुरुग्राम के सेक्टर-57 में मंगलवार तड़के एक मस्जिद में आग लगा दी गई और उसके इमाम की हत्या कर दी गई.
दिप्रिंट ने द्वारका मोड़, उत्तम नगर और सुभाष नगर में विरोध प्रदर्शन के स्थलों का दौरा किया और हिंदुत्व संगठनों के कार्यकर्ताओं को इस बात पर जोर देते हुए पाया कि विरोध प्रदर्शन “हिंदू एकता” दिखाने के लिए किया जा रहा है और वे समुदाय के खिलाफ “हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे”.
द्वारका मोड़ पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुतले जलाए, जिनके हाथों में तख्तियां थीं और उन पर लिखा था, “देश के गद्दारों को जेल में बंद करो” और “हिंदुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा”.
लाउडस्पीकर के जरिए तेज़-तेज़ आवाज़ में “जय श्री राम” के नारे लगाए जा रहे थे.
सुभाष नगर में विरोध स्थल पर दो भाइयों राजू भट्टी और रमेश भट्टी ने आरोप लगाया कि “हिंदुओं के मंदिरों पर हमला किया जा रहा है” और “हिंदू पीड़ित हैं”.
राजू ने दावा किया, “वो लोग हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे हैं और हम चुप नहीं रहेंगे.”
गुरुग्राम में हिंसा के बारे में पूछे जाने पर, एक अन्य कार्यकर्ता प्रकाश ने कहा कि यह तो होना ही था.
स्पष्ट रूप से मुसलमानों की ओर इशारा करते हुए प्रकाश ने कहा, “वे देश पर कब्ज़ा कर रहे हैं, हमारी गायों को मार रहे हैं. मैंने समाचारों और सोशल मीडिया में देखा है कि हिंदू अधिक पीड़ित हैं. अगर मुसलमानों को हमारे समाज में रहना है, तो उन्हें हमारी शर्तों पर रहना होगा.”
द्वारका मोड़ पर एक अन्य प्रदर्शनकारी शिव शक्ति ने घोषणा की, “इस बार हम पुतले जला रहे हैं. अगर वो नहीं रुके तो हम भी अपनी सीमाएं भूल जाएंगे. यह सिर्फ एक चेतावनी है.”
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सांप्रदायिक झड़पें और तनाव की गाथा
मंगलवार को गुरुग्राम के कुछ हिस्सों में भीड़ द्वारा मुसलमानों की कई दुकानों को जला दिया गया या तोड़फोड़ की गई. पिछली रात, गुरुग्राम के सेक्टर-57 में अंजुमन जामा मस्जिद में आग लगा दी गई, नायब इमाम मौलाना साद की हत्या कर दी गई और एक केयकटेकर घायल हो गया.
ये घटनाएं हरियाणा के नूंह जिले में हिंदुत्व समूहों विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी द्वारा आयोजित एक जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़पों से पहले हुई थीं.
तब से पड़ोसी गुरुग्राम से मुस्लिम वेंडर्स को निशाना बनाए जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं और कई लोग सांप्रदायिक हिंसा के डर से अपने मूल गांवों को लौट गए हैं.
हरियाणा में झड़पों में छह लोगों की जान चली गई है और बजरंग दल ने दावा किया है कि मृतकों में उनका एक कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा भी शामिल था.
हरियाणा के डीजीपी पी.के. अग्रवाल के अनुसार, गुरुग्राम पुलिस ने 15 एफआईआर दर्ज की हैं और हिंसा के सिलसिले में लगभग 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस बीच नूंह पुलिस ने अब तक 26 एफआईआर दर्ज की हैं और इस संबंध में 116 लोगों को गिरफ्तार किया है.
गौरक्षकों द्वारा दो मुस्लिम व्यक्तियों — जुनैद और नासिर की हत्या के बाद फरवरी से क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है. राजस्थान के भरतपुर से दोनों का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया, उनकी हत्या कर दी गई और उनके शवों को जलाकर हरियाणा के भिवानी में फेंक दिया गया था.
हत्याओं के आरोपी मोनू मानेसर का एक वीडियो कथित तौर पर इस हफ्ते हरियाणा के कुछ हिस्सों में हुई सांप्रदायिक झड़पों के केंद्र में है, जिसने कथित तौर पर एक वीडियो संदेश में कहा था, “मैं व्यक्तिगत रूप से यात्रा में रहूंगा और मेरी पूरी टीम भी मौजूद रहेगी.” हालांकि, बाद में उसने मीडियाकर्मियों से कहा कि वो विहिप के सुझाव पर रैली में शामिल नहीं हुआ था.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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