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Friday, 13 December, 2024
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लोगों को जबरन गोबर खिलाने से लेकर ‘छापों’ की लाइव स्ट्रीमिंग तक – गोरक्षकों का उदय और मोनू मानेसर

इस हफ्ते मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर के खिलाफ उस वक्त मामला दर्ज किया गया, जब हरियाणा के भिवानी में कथित रूप से गोरक्षकों द्वारा अगवा कर हमला करने के बाद दो लोगों के जले हुए शव पाए गए.

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भरतपुर (राजस्थान): “जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं.” यह सोशल मीडिया पर मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर की पसंदीदा टैगलाइन्स में से एक है. हरियाणा के भिवानी में गायों की तस्करी के संदेह में कथित रूप से अगवा किए गए, पीट-पीटकर और जलाकर मार डाले गए दो लोगों के जले हुए शव मिलने के बाद इस हफ्ते की शुरुआत में एक गौ रक्षक (गाय रक्षक) मोनू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, झज्जर और मानेसर जिलों के गौ रक्षकों का एक चेहरा मोनू को बजरंग दल में इसके मानेसर जिला समन्वयक के रूप में धर्मेंद्र यादव उर्फ धर्मेंद्र मानेसर और मंजीत बाबरा ने 2012 में शामिल किया था. धर्मेंद्र गुड़गांव गौ रक्षक दल के अध्यक्ष है.

एक स्थानीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिग्री हासिल करने वाला अट्ठाईस-वर्षीय मोनू मानेसर जिला प्रशासन की नागरिक सुरक्षा टीम और जिला गौ संरक्षण कार्यबल का भी सदस्य है, जो हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम करता है.

उसके सोशल मीडिया अकाउंट – फेसबुक (80,000 से अधिक फॉलोअर्स), इंस्टाग्राम और यूट्यूब (2 लाख से अधिक सब्सक्राइबर) -संदिग्ध गाय तस्करों का पीछा करते हुए उसकी टीम के वीडियो, ‘गौ तस्करों’ की गिरफ्तारी की खबरें, और कथित पशु तस्करों के खिलाफ ‘छापे’ के बाद उसकी और सदस्यों की तस्वीरों से भरे पड़े हैं.


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पिछली घटनाएं

इस हफ्ते की शुरुआत में मोनू पर राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के दो लोगों के रिश्तेदारों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जब कथित तौर पर मंगलवार रात अगवा किए गए जुनैद और नासिर के जले हुए शव भिवानी में पाए गए थे.

हालांकि, अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में मोनू ने दावा किया कि इस घटना का उसकी टास्क फोर्स से कोई लेना-देना नहीं है और यहां तक कि आरोपियों को सजा देने की मांग भी की.

इस महीने की शुरुआत में 22-वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति वारिस खान की मौत के मामले में हरियाणा के नूंह में दर्ज एक अन्य पुलिस शिकायत में उसका नाम आया था, जबकि पुलिस ने दावा किया कि खान की मृत्यु एक दुर्घटना में हुई थी. सोशल मीडिया पर वीडियो में कथित रूप से घायल लोगों से गौ रक्षकों द्वारा उनके नाम और मूल के गांवों के बारे में पूछताछ करते हुए दिखाया गया है. लेकिन, खान के परिवार ने आरोप लगाया कि गोरक्षकों द्वारा पीटे जाने के बाद उसकी मौत हो गई थी.

मोनू ने यह भी दावा किया था कि उसकी टीम ने खान की कार से एक गाय को बचाया था, लेकिन कार के किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं पहुंचाई थी. गो तस्करों से मोनू को कथित तौर पर धमकियां देने के मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

मोनू का नाम 6 फरवरी को एक अन्य घटना में भी आया, जब 20-वर्षीय मोहिन खान को गुरुग्राम के पटौदी में पड़ोसियों और गौ रक्षकों के बीच हाथापाई के बाद गोली लगी थी.


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गौरक्षकों का उदय

पिछले कुछ वर्षों में गौ रक्षकों की कथित घटनाएं उत्तर भारत में प्रमुखता से बढ़ी हैं. गैर-लाभकारी मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच द्वारा जारी 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार, “मई 2015 और दिसंबर 2018 के बीच कथित रूप से गौरक्षा समूहों द्वारा कम से कम 44 लोग 12 भारतीय राज्यों में मारे गए, जिनमें से 36 मुस्लिम थे”.

2016 में धर्मेंद्र यादव के गौ रक्षक दल ने कथित तौर पर दो लोगों को “उन्हें सबक सिखाने और उन्हें शुद्ध करने के लिए” गाय का गोबर खाने के लिए मजबूर किया.

पिछले साल मई में नूंह के फिरोज़पुर झिरका इलाके में कथित तौर पर बंदूक की नोंक पर एक व्यक्ति को एसयूवी में जबरन बैठाने वाले गो रक्षकों के वीडियो वायरल हुए थे.

पिछले साल अप्रैल में हरियाणा के नूंह जिले में गौ रक्षकों द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति का कथित रूप से अपहरण करने के बाद पीटा गया, बाद में उस पर हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

मोनू और उसके सहयोगी अक्सर उनका ‘पीछा’ करने, रात के अंधेरे में ‘तस्करों’ से गायों को ‘बचाने’ से संबंधित वीडियो लाइवस्ट्रीम करते हैं. वीडियो को निम्नलिखित अपील के साथ शेयर किया जाता है: ‘‘पेज को अधिक से अधिक लाइक और शेयर करें. लाइव एनकाउंटर- कैसे गौ तस्करों को गौ रक्षकों द्वारा घेर लिया जाता है जो गाय तस्करों को पकड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं.’’

एबीपी अनकट के साथ एक इंटरव्यू में, मोनू ने कहा था कि वह सोशल मीडिया पर इन चीज़ों का आनंद लेता है और जो उसकी तारीफ करते हैं वह उसके नेटवर्क और मुखबिरों के लिए धन्यवाद है – जिसमें कथित तौर पर एटीएम सुरक्षा गार्ड, चौकीदार, व्हाट्सएप समूह और हरियाणा पुलिस शामिल हैं.

मोनू ने इंटरव्यू में यह भी दावा किया कि उसे 2019 में गुरुग्राम पुलिस स्टेशन के अंदर गाय तस्करों द्वारा गोली मार दी गई थी और 10 दिनों के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, उसका जीवन गौ माता (गाय) और सनातन धर्म को समर्पित है.

यह पूछे जाने पर कि क्या उसकी टीम को कोई सरकारी सहायता मिलती है, मोनू ने इससे इनकार किया और कहा, “समाज हमारी मदद करता है…हमारे साथ कुछ कारोबारी भी जुड़े हुए हैं…वे सभी वाहन रखरखाव से लेकर ईंधन तक हमारी मदद करते हैं. व्यक्तिगत खर्चों के लिए, हमारे पास व्यवसाय हैं – परिवहन, किराए पर मकान देना से गुज़ारा चल जाता है.”

2022 में मानेसर में एक पंचायत – जो ‘समस्त हिंदू समाज’ के बैनर तले “हिंदू समुदाय के सभी सदस्यों” के बीच आयोजित की गई थी – ने मुस्लिम व्यापारियों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया. इस बैठक में कथित तौर पर मोनू और दक्षिणपंथी संगठनों के अन्य नेता मौजूद थे.

मोनू और उसके साथियों की गतिविधियां केवल गायों को ‘बचाने’ तक ही सीमित नहीं हैं. पटौदी में आयोजित 2021 की ‘हिंदू महापंचायत’ में मोनू ने कथित तौर पर लोगों को अपनी टीम को ‘लव जिहाद’ में शामिल लोगों की सूची जमा करने के लिए आमंत्रित किया, जो ऐसे लोगों को पीट सकते हों.

जून 2020 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट करते हुए मोनू ने लिखा था, “देश के गद्दारो को गोली मारों सालों को”.

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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