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Friday, 15 November, 2024
होमदेश'वह उस दिन पढ़ने गया था अगले दिन उसे गिरफ्तार कर लिया', नूंह के मुसलमान बोले वो हमें टार्गेट कर रहे हैं

‘वह उस दिन पढ़ने गया था अगले दिन उसे गिरफ्तार कर लिया’, नूंह के मुसलमान बोले वो हमें टार्गेट कर रहे हैं

कुछ मुस्लिम परिवारों का दावा है कि हिरासत में लिए गए उनके बेटे और भाई 18 साल से कम उम्र के हैं और पुलिस ने विशेष रूप से उनके समुदाय के पुरुषों पर ही कार्रवाई की है.

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नूंह: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के नूंह जिले में सांप्रदायिक झड़पों के बाद हिंसा के सिलसिले में 170 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं.

नूंह पुलिस के सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए अधिकांश लोग – लगभग 90 प्रतिशत – मुस्लिम समुदाय से हैं.

31 जुलाई को, मेवात क्षेत्र के मुस्लिम-बहुल नूंह जिले में एक धार्मिक जुलूस – ‘ब्रज मंडल यात्रा’ – के कारण सांप्रदायिक हिंसा हुई, जो अंततः गुरुग्राम, पलवल, फिरोजपुर झिरका और सोहना सहित अन्य जिलों में फैल गई. आगजनी और पथराव में मारे गए छह लोगों में दो होम गार्ड और एक इमाम शामिल थे. हिंसा के सिलसिले में नूंह में कुल 56 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

मुसलमानों का दावा है कि पुलिस ने विशेष रूप से समुदाय के पुरुषों को निशाना बनाया है और हिंदू पुरुषों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “हां, गिरफ़्तार किए गए अधिकांश लोग मुसलमान हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है कि हिंसा में शामिल हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है. तौरू में एक मस्जिद में आग लगाने के आरोप में चार लोगों (हिंदुओं) को गिरफ्तार किया गया है. चार अन्य की भी पहचान की गई है.”

इस बीच नूंह में मुस्लिम परिवार गिरफ्तार किए गए पुरुषों के लिए न्याय का इंतजार कर रहे हैं और अपनी बेगुनाही का दावा कर रहे हैं.

नूंह स्थित वकील ताहिर हुसैन रूपारिया के कार्यालय में, एक विधवा, हुरजहां, बार-बार अपने बेटों और दामाद को ‘बचाने’ के लिए कहती है, जबकि हुसैन इसमें शामिल जटिल कानूनी प्रक्रिया को समझाकर उन्हें शांत करने का प्रयास करते है.

उनके बेटे जुनैद (21) और आदिल (19) और उनके दामाद इनाम उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें नूंह पुलिस ने हिंदुत्व समूहों विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी द्वारा आयोजित ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.

हुरजहां ने दिप्रिंट को बताया,  “हिंसा वाले दिन इनाम घर में सो रहा था. ज़ुनैद लाइब्रेरी में था और आदिल इनाम की दुकान की देखभाल करने गया था. मेरे बेटे आवारागर्दी नहीं करते. घर में एक ही फोन है. जुनैद नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) की तैयारी कर रहा है और आदिल ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लिया है.” पिछले रमज़ान में उनके पति की मृत्यु हो गई थी.

हुरजहां ने कहा कि हिंसा के अगले दिन, अराजकता और झड़पों के डर से, उन्होंने तीनों को पुन्हाना में अपने चाचा के घर जाने के लिए कहा था. हालांकि, उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

Hurjahan | Praveen Jain | ThePrint
हुरजहां | प्रवीण जैन | दिप्रिंट

हुरजहां इस संकट में अकेली नहीं है.

हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार एक अन्य व्यक्ति मुस्तफा (21) की मां अजीमन अपने बेटे की एक झलक पाने के इंतजार में हाथ में तस्बीह (नमाज की माला) लेकर जिला अदालत के बाहर दुआ कर रही हैं. उन्होंने कहा, ”हमें नहीं पता कि उसे क्यों गिरफ्तार किया गया.”

उन्होंने कहा, “हिंसा वाले दिन, वह ट्यूशन क्लास के लिए गया था. उसे अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया जब वह किराने का सामान खरीदने के लिए बाहर निकला था और हमें इसके बारे में बाद में पता चला. वह निर्दोष है.”

उन्होंने कहा, मुस्तफा मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी में बैचलर कोर्स कर रहा है.

कुछ परिवारों का दावा है कि हिरासत में लिए गए उनके बेटे और भाई 18 साल से कम उम्र के हैं. तालिमा, जिनके भाई अरबाज़ को गिरफ्तार किया गया था, ने कहा, “वह केवल 17 साल का है. हिंसा के दिन वह गुरुग्राम में था. उन्होंने अभी-अभी उसे गिरफ्तार कर लिया. वह निर्दोष है.”

इस दावे का खंडन करते हुए, नूंह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारनिया ने दिप्रिंट को बताया, “सभी गिरफ्तारियां सबूतों के आधार पर की गई हैं. गिरफ्तारी से पहले आयु प्रमाण से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई है.”


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क्या कहती हैं FIR?

नूंह में हिंसा के संबंध में 56 एफआईआर छह पुलिस स्टेशनों – बिछोर, झिरका, नगीना, सदर, नूह शहर और टौरू में पुलिस कर्मियों, यात्रा का हिस्सा रहे प्रत्यक्षदर्शियों और हिंसा के अन्य पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई हैं.

दिप्रिंट ने ऐसी 15 एफ़आईआर देखी हैं, जिनमें से अधिकांश अज्ञात व्यक्तियों के ख़िलाफ़ हैं.

एफआईआर में यात्रा के मार्ग पर हुए दंगों की घटनाओं, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, हथियार ले जाने वाली भीड़ का विवरण, पुलिस कारों सहित वाहनों को जलाने, ड्यूटी पर तैनात कर्मियों पर हमले, सार्वजनिक संपत्ति की तोड़फोड़, और साइबर पुलिस स्टेशन पर हमला, जिसके कारण आपराधिक रिकॉर्ड को नुकसान पहुंचा.

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे नूंह के नलहर शिव मंदिर के अंदर 35-40 श्रद्धालु फंस गए थे. कुछ एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ ज्यादातर “मेव मुस्लिम समुदाय” के सदस्यों से बनी थी.

मेव मुस्लिम, या मेवाती मुस्लिम, एक विशिष्ट सामाजिक-सांस्कृतिक जातीय समुदाय के रूप में अपनी पहचान रखते हैं और मेवात क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय हैं.

भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत दंगा, हत्या का प्रयास, हत्या, घातक हथियार के साथ दंगा, जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के तहत किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने, उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने, डकैती और शस्त्र अधिनियम, 1959 के तहत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं.

गिरफ्तारियां कैसे हो रही हैं

नूंह पुलिस के सूत्रों ने कहा कि दर्ज की गई 56 एफआईआर में से प्रत्येक के तहत 20 से 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 200 से अधिक लोगों की पहचान नूंह पुलिस द्वारा सांप्रदायिक झड़पों में शामिल के रूप में की गई है, और उन्हें पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.

छह लोगों की मौत के मामले में दर्ज हत्या के मामले में राजस्थान के भरतपुर से 10 से 12 मुस्लिम पुरुषों को भी गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों ने बताया कि होम गार्ड की मौत पथराव से हुई.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों और दृश्यों तथा सीसीटीवी कैमरों में कैद तस्वीरों के आधार पर 20 से 39 लोगों की शुरुआती गिरफ्तारियां की गईं.

सूत्रों ने कहा, “दुकानों, इमारतों आदि से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने के बाद उनकी जांच की गई. आरोपियों की पहचान करने के लिए उनके स्थानों को देखने के लिए कॉल डेटा रिकॉर्ड का विश्लेषण करते हुए तकनीकी निगरानी की गई. इसके अलावा, आरोपियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं और उनके व्हाट्सएप ग्रुप और चैट की जांच की जा रही है और (यात्रा पर हमले के लिए) भीड़ और हिंसा में उनकी भूमिका का पता लगाने के लिए उनका विश्लेषण किया जा रहा है.”

अधिकारी ने कहा कि इन गिरफ्तारियों में ‘मानवीय खुफिया जानकारी’ ने भी प्रमुख भूमिका निभाई है. “हमारे पास गांवों और ब्लॉकों में स्थानीय, जमीनी स्तर के प्रहरी (गार्ड) के रूप में काम करने वाले कांस्टेबल हैं. उन्होंने ज़मीनी स्तर से भी जानकारी जुटाई है.”

मामलों की जांच के लिए संबंधित पुलिस स्टेशनों के स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओ) के तहत टीमें गठित की गई हैं, जहां एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसके अलावा, मामलों की जांच के लिए हरियाणा पुलिस के तहत स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की आठ टीमों का गठन किया गया है.

पुलिस फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैशटैग और गतिविधि पर भी नज़र रख रही है.

Mohammad Alam with his wife Habsa Bibi. Their son Mahubar Rehaman is among those arrested | Praveen Jain | ThePrint
मोहम्मद आलम अपनी पत्नी हफ्सा बीबा के साथ। गिरफ्तार किए गए लोगों में उनका बेटा महबुर रहमान भी शामिल है | प्रवीण जैन | दिप्रिंट

नूंह के वकील ताहिर हुसैन रूपारिया के कार्यालय में एक रोहिंग्या मुस्लिम परिवार अपनी बारी का इंतजार कर रहा है.

हिंसा के सिलसिले में मोहम्मद आलम और हफ्सा बीबा के बेटे महबुर रहमान को भी गिरफ्तार किया गया है. हफ्सा ने कहा, “एक पुलिस टीम हमारे घर आई और उन्हें ले गई. उन्होंने सबसे पहले पूछा कि क्या हमारा बेटा बाहर रहते हुए पथराव में घायल हुआ है… उन्होंने कहा कि वे सिर्फ 15-20 मिनट की पूछताछ के लिए उन्हें ले जा रहे हैं. वह तब से घर नहीं लौटा है.”

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “वे पिछले 5-8 वर्षों से यहां रह रहे हैं और समुदाय का हिस्सा बन गए हैं. अब तक दो रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ अन्य को हिरासत में लिया गया है.”

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

(संपादन: अलमिना खातून)


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