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Saturday, 27 April, 2024
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महागठबंधन ने बिहार के लिए सीट बंटवारे की घोषणा की, राजद 26, कांग्रेस नौ सीट पर लड़ेगी चुनाव

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पटना, 29 मार्च (भाषा) बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य की 40 लोकसभा सीट में से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 26 और कांग्रेस नौ सीट पर चुनाव लड़ेगी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) तीन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के एक दिन बाद महागठबंधन ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह घोषणा की।

संवाददाता सम्मेलन को राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और भाकपा माले, भाकपा और माकपा के के राज्यस्तरीय नेताओं ने संबोधित किया।

बिहार विधानसभा में महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव को इस संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करना था लेकिन वह अनुपस्थित रहे।

झा ने कहा कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

उन्होंने दावा किया, ‘‘हम एक सर्वसम्मत निर्णय पर पहुंचे हैं, हमारे बीच जो एकजुटता है वह आपको राजग में देखने को नहीं मिलेगी। हम उन्हें चुनाव में हराएंगे।’’

राजद ने उन सभी चार सीट- गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं जहां पहले चरण में मतदान होना है। इससे उसके सहयोगी दलों ने नाराजगी जताते हुए इसे ‘‘एकतरफा कदम’’ बताया था।

भाकपा और माकपा भी क्रमशः बेगूसराय और खगड़िया से पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी हैं।

विपक्षी गंठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार, राजद ने पूर्णिया सीट भी कांग्रेस से ले ली है।

हाल में, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने महागठबंधन द्वारा औपचारिक घोषणा किए बिना ही जदयू से पाला बदलकर आई बीमा भारती को पूर्णिया से पार्टी का टिकट दिया था।

कांग्रेस ने पिछले हफ्ते पूर्णिया से तीन बार सांसद रह चुके पप्पू यादव को पार्टी में शामिल किया था जिनकी पत्नी भी पार्टी से राज्यसभा सदस्य हैं। यादव को इस सीट से टिकट मिलने की उम्मीद थी और उनका दावा था कि इस आशय का आश्वासन उन्हें राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी ने दिया था।

ऐसी अफवाहें थीं कि प्रसाद ने पप्पू यादव को पूर्णिया की जगह उनकी पुरानी सीट मधेपुरा या सुपौल (जिसका उनकी पत्नी ने एक से अधिक बार प्रतिनिधित्व किया) से किस्मत आजमाने का सुझाव दिया था। अब महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा के बाद पूर्व बाहुबली सांसद के लिए ये विकल्प भी बंद हो गए हैं क्योंकि दोनों सीट-मधेपुरा और सुपौल पर भी राजद ने अपना दावा किया है।

महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा के बाद भी पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ने को लेकर अडे़ हुए हैं।

कांग्रेस को दी गई सीटों में किशनगंज, कटिहार, पटना साहिब, भागलपुर, सासाराम, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण और महाराजगंज हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने बिहार में सीट बंटवारे में कांग्रेस के साथ राजद द्वारा की गई कथित नाइंसाफी के बारे में ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘विनाश काले विपरीत बुद्धि। लालू यादव ने अंहकार में मिथिलांचल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जिस प्रकार अपमान किया है, खासकर ब्राह्मणों को नीचा दिखाने का काम किया, वह गठबंधन का सत्यानाश कर देगा। 2019 की तरह इस चुनाव में भी राजद का खाता नहीं खुलेगा।’’

भाकपा माले को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गढ़ नालंदा दिया गया है, जिस पर जदयू का दशकों से निर्बाध रूप से कब्जा रहा है।

इस वाम दल को आरा सीट भी दी गई है, जहां मौजूदा भाजपा सांसद केंद्रीय मंत्री आरके सिंह हैं। इसे काराकाट सीट भी मिली है जो राजग ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा को सौंपी है।

राजद के पास रही सीटों में गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, बक्सर, पाटलिपुत्र, मुंगेर, जमुई, बांका, वाल्मिकीनगर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, उजियारपुर, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, हाजीपुर और अररिया शामिल हैं।

भाषा अनवर नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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