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Saturday, 20 April, 2024
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पूर्वोत्तर भारत में कोरोनावायरस ने फैलाया अपना आतंक, मिजोरम और मणिपुर ने भी सील की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं

मिजोरम ने तो कोरोना के डर से म्यामांर और बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के अलावा असम, मणिपुर और त्रिपुरा से लगी सीमा को भी सील कर दिया है. हालांकि सीमा पर कुछ जांच चौकियां खुली रहेंगी.

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इंफाल/गुवाहाटी: पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम और मणिपुर ने कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते राज्य से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील करने का फैसला किया है. मिजोरम की 510 किमी लंबी सीमा म्यांमार से लगी है और 318 किमी लंबी सीमा बांग्लादेश से. मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है. ध्यान रहे कि सिक्किम औऱ अरुणाचल प्रदेश पहले ही विदेशी पर्यटकों पर पाबंदी लगा चुके हैं. दूसरी ओर, मेघालय औऱ त्रिपुरा में सीमा पर लगने वाले बाजारों को भी कुछ समय के लिए बंद करने का फैसला किया गया है. इन दोनों राज्यों में बांग्लादेश सीमा पर दो-दो ऐसे बाजार लगते हैं. सीमा सील होने की वजह से मणिपुर और म्यांमार के बीच सीमा व्यापार भी ठप हो गया है.

असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में बांग्लादेश से लगी 1,880 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है. इसी तरह मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश की 1,640 किमी लंबी सीमा म्यांमार से लगी है और इस सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ भी नहीं है.

बता दें कि अभी तक देश में करीब 73 मामले कोरोनावायरस के संक्रमित पाए गए हैं जिनका इलाज देश के विभिन्न राज्यों में किया जा रहा है. यही नहीं बढ़ते कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए कई स्कूलों में परीक्षा नहीं हो रही हैं उन्हें भी बंद किया है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सावधानी बरतने की सलाह दी है. पब्लिक फंक्शन न करने की गुजारिश की है.


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मिजोरम ने तो कोरोना के डर से म्यामांर और बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के अलावा असम, मणिपुर और त्रिपुरा से लगी सीमा को भी सील कर दिया है. हालांकि सीमा पर कुछ जांच चौकियां खुली रहेंगी. लेकिन वहां से आवाजाही नियंत्रित रहेगी. गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आपातकालीन स्थिति के लिए कुछ जांच चौकियां खुली रहेंगी. लेकिन आम लोगों के लिए सीमा पूरी तरह सील कर दी गई है. सरकार ने कोरोना वायरस के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें वायरल करने के आरोप में राज्य के विभिन्न हिस्सों से 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों और राज्य के इकलौते लुंगलेई एअरपोर्ट पर यात्रियों की की जांच की जा रही है. लेकिन अब तक मिजोरम में कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है. हां अभी तक 9 संदिग्ध सामने आए हैं लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हुई है. मिजोरम के मुख्य सचिव लालनूनमाविया चुआनगो ने बताया, ‘मुख्यमंत्री जोरमथांगा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में परिस्थिति की समीक्षा के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील करने का फैसला किया गया.’

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दूसरी ओर, मणिपुर सरकार ने म्यांमार से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील करने का फैसला किया है. विशेष सचिव (गृह) एच. ज्ञान प्रकाश की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लोगों की आवाजाही पर अगले आदेश तक पाबंदी लगा दी गई है.

साप्ताहिक हाट बाजार पर भी रोक

कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने त्रिपुरा और मेघालय से लगी बांग्लादेश सीमा पर लगने वाले बार्डर हाट यानी सीमा बाजार को भी सामयिक तौर पर बंद रखने का फैसला किया है. इन दोनों राज्यों में फिलहाल ऐसे चार बाजार चलते हैं. यह बाजार सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की आजीविका के प्रमुख साधन हैं. इनमें मुख्य रूप से कृषि और घरेलू उत्पादों की खरीद-बिक्री होती है.

त्रिपुरा के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सचिव देवाशीष बसु कहते हैं, ‘सरकार ने संबंधित जिलाशासकों से बाग्लादेशी अधिकारियों से विचरा-विमर्श कर सामयिक तौर पर इन बाजारों को बंद रखने को कहा है.’

इससे पहले बीते सप्ताह इलाके के दो अन्य राज्यों—सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश ने भी विदेशियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी. अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं चीन, भूटान और म्यांमार से मिलती हैं जबकि सिक्किम की सीमा भी नेपाल, भूटान और चीन से लगी है. सिक्किम के गृह मंत्रालय में सयुंक्त सचिव परीना गुरुंग के हस्ताक्षर से बीते सप्ताह जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए विदेशी पर्यटकों के लिए इनर लाइन परमिट जारी नहीं करने और तमाम पर्यटकों के लिए नाथुला का परमिट बंद रखने का फैसला किया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद कई विदेशी पर्यटकों को रंग्पो और नेपाल से लगी सीमा चौकियों से लौटा दिया गया है. देशी पर्यटक भी अब बुकिंग रद्द कराने लगे हैं.

उधर, भूटान ने तो कोरोना के डर से तमाम पर्यटकों के प्रवेश पर दो सप्ताह के लिए पाबंदी लगा दी है. देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि दो सप्ताह बाद परिस्थिति की समीक्षा करने के बाद इस मुद्दे पर कोई फैसला किया जाएगा.

खासकर सिक्किम और भूटान में पर्यटकों पर लगी पाबंदी के बाद पर्यटन उद्योग पर गंभीर खतरा मंडराने लगा है. इस इलाके में पहुंचने वाले पर्यटक अमूमन सिक्किम के अलावा दार्जिंलिंग और भूटान भी जाते हैं. लेकिन इन पाबंदियों और कोरोना के आतंक की वजह से अब इस पूरे इलाके के पर्यटन उद्योग पर खतरा मंडराने लगा है. स्कूलों की परीक्षाएं खत्म होने के बाद ही यहां सीजन शुरू होता है. लेकिन अबकी होटल मालिक और पर्यटन उद्योग से जुड़े तमाम लोग बेहद आशंकित हैं. हिमालयन हास्पीटलिटी एंड टूरिज्म डेवलपमेंट के महासचिव सम्राट सान्याल हालत में शीघ्र सुधार की उम्मीद जताते हैं. वह कहते हैं, ‘अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस उद्योग की कमर टूट जाएगी.’


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वहीं दूसरी तरफ लगातार पूरे मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा है कि विदेश से आने वाले लोगों की निगरानी की जा रही है. देश के तमाम बंदरगाहों और हवाईअड्डों पर पहुंचने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. 30 हवाई अड्डों पर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की निगरानी की व्यवस्था की गई है. उनका कहना है कि देश में अब तक कोरोना के 73 मामले सामने आए हैं. केंद्र सरकार हर राज्य से लगातार रिपोर्ट ले रही है. दो दिन पहले तमाम राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है. मंत्री ने लोकसभा में कहा कि देश भर में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए 51 लैब और 56 नमूना संग्रह केंद्र खोले गए हैं.

हर्षवर्धन ने इस मामले में विपक्ष से भी सहयोग की अपील की है. बता दें कि भारत ने कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से 15 अप्रैल तक सभी पर्यटन वीजा निलंबित कर दिए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस के पूरी दुनिया में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए महामारी घोषित कर दी है.

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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