scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशसरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- किसी शख्स की मर्जी के बिना उसे वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- किसी शख्स की मर्जी के बिना उसे वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती

दिव्यांगजनों को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने से छूट देने के मामले पर केंद्र ने न्यायालय से कहा कि उसने ऐसी कोई एसओपी जारी नहीं की है.

Text Size:

नई दिल्लीः केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी कोविड-19 टीकाकरण दिशा निर्देशों में किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका जबरन टीकाकरण कराने की बात नहीं की गई है.

दिव्यांगजनों को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने से छूट देने के मामले पर केंद्र ने न्यायालय से कहा कि उसने ऐसी कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी नहीं की है, जो किसी मकसद के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखने को अनिवार्य बनाती हो.

केंद्र ने गैर सरकारी संगठन एवारा फाउंडेशन की एक याचिका के जवाब में दायर अपने हलफनामे में यह बात कही. याचिका में घर-घर जाकर प्राथमिकता के आधार पर दिव्यांगजनों का टीकाकरण किए जाने का अनुरोध किया गया है.

हलफनामे में कहा गया है, ‘भारत सरकार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देश संबंधित व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना जबरन टीकाकरण की बात नहीं कहते.’

केंद्र ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसका टीकाकरण नहीं किया जा सकता.


यह भी पढ़ेंः 9 से 12 जनवरी तक दिल्ली में कोविड से मरने वाले 70% रोगियों को वैक्सीन नहीं लगी थी: दिल्ली सरकार


 

share & View comments